पेरिस । फ्रांस भी अब ऑकस पनडुब्बी प्रोग्राम का हिस्सा होगा। गठबंधन के विस्तार की योजना के तहत ही फ्रांस ने भी इस संगठन में शामिल होने का फैसला किया है। अब इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के अलावा फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के लिए परमाणु अटैक पनडुब्बियों का निर्माण होगा। अमेरिका की तरफ से इस हथियार के लिए सामग्री मुहैया कराई जाएगी। फ्रांस की सरकार की तरफ से अभी इस बात को लेकर आधिकारिक ऐलान होना बाकी है। मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी गई है। 18 सितंबर 2021 को इस डील का ऐलान किया गया था।
अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया की तरफ से इस साल 13 मार्च को इस डील के विस्तार को लेकर ऐलान किया गया था। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता का जवाब देने के मकसद से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था। फ्रांस ने शुरुआत में इससे मुंह फेर लिया था, लेकिन अब जबकि वह भी इसमें शामिल हो रहा है तो जाहिर सी बात है कि चीन की टेंशन भी बढ़ जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत 368 अरब डॉलर की लागत से परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूके ने जो योजना बनाई है, उसके तहत इस गठबंधन में शामिल देशों के नौसेनाओं के लिए परमाणु क्षमता से लैस अटैक पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा।योजना के अनुसार 4 पनडुब्बियां नौसेनाओं को मिलेंगी।
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फ्रांस के लिए पनडुब्बियों का निर्माण ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की ही तरह किया जाएगा या फिर फ्रेंच पनडुब्बियां इनसे कुछ अलगी होंगी। फ्रांस इस गठबंधन का हिस्सा बनेगा, इस बात के बार में पहले से ही बातें की जा रही थीं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की यह दिली तमन्ना थी कि फ्रांस इसका हिस्सा बने। अब तक पीएम ऋषि सुनक या उनके ऑफिस की तरफ से इस पर कोई भी बयान नहीं दिया गया है।
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