भारत में सर्विस सेक्टर की रफ्तार धीमी हो गई है. फरवरी महीने में यह रफ्तार 12 साल के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थी. एक सर्वे में इस बारे में जानकारी मिली है. एक सर्वे में बुधवार को बताया गया कि नए कारोबारी ठेके मिलने की रफ्तार धीमी रहना इसकी वजह है. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक फरवरी के 59.4 से घटकर मार्च में 57.8 हो गया.
50 के ऊपर होना चाहिए PMI
सेवा पीएमआई का सूचकांक लगातार 20वें महीने 50 से ऊपर बना हुआ है. खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI Data) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब है कि गतिविधियो में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से कम अंक संकुचन को दर्शाता है.
जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा है कि 2022-23 की अंतिम तिमाही के अंत में भारत का सेवा क्षेत्र फरवरी में मिली गति के बूते आगे बढ़ा और नए कारोबारी ठेकों तथा उत्पादन में वृद्धि से इसे समर्थन मिला. हालांकि वृद्धि का मुख्य कारक विनिर्माण क्षेत्र ही बना रहा.
रोजगार पर भी पड़ा असर
रोजगार के मोर्चे पर सर्वे में सामने आया कि मौजूदा जरूरतों के लिए कंपनियों के पास पर्याप्त क्षमता है जिससे रोजगार सृजन बाधित हुआ. लीमा ने कहा है कि सेवा क्षेत्र में रोजगार मार्च में मामूली रूप से बढ़ा है, हालांकि इसमें लगातार दसवें महीने बढ़ोतरी देख गई है. सर्वे के 98 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि मौजूदा जरूरतों के लिहाज से उनके पास पर्याप्त मानव संसाधन हैं इसलिए उन्होंने नई भर्ती नहीं की.
400 कंपनियों के बीच किया गया सर्वे
एसएंडपी ग्लोबल भारत सेवा पीएमआई को सेवा क्षेत्र की लगभग 400 कंपनियों के बीच किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया जाता है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.