उज्जैन । शहर के पीपलीनाका चौराहा के समीप श्री गुमानदेव हनुमान का अतिप्राचीन मंदिर है। मान्यता है करीब चार हजार साल पहले गुजरात के अंगलेश्वर के समीप स्थित जगडिया गांव से भगवान गुमानदेव की यह मूर्ति उज्जैन लाई गई थी। जब से लेकर आज तक यहां भगवान की पूजा अर्चना की जा रही है। यह पहला मंदिर है, जहां भक्तों को अष्टचिरंजीवी के एक साथ दर्शन होते हैं। परिक्रमा पथ पर अष्टचिरंजीवियों की मूर्तियां स्थापित की गई है। पुजारी के अनुसार 6 अप्रैल को भव्य हनुमान जयंती उत्सव मनाया जाएगा। मंदिर के पुजारी पं.चंदन व्यास ने बताया हमारे पूर्वज करीब चार हजार साल पहले गुमानदेव हनुमानजी को गुजरात के जगडिया गांव से आमंत्रित कर उज्जैन लाए थे और यहां स्थापित किया था। तब से लेकर आज तक व्यास परिवार यहां नयमित रूप से भगवान की सेवा पूजा करता आ रहा है। पं.व्यास के अनुसार गुमान का अर्थ है घमंड, अर्थात घमंड का नाश करने वाले देवता गुमानदेव हनुमान है। मान्यता है इस मंदिर में सच्चे मन से मुराद मांगने पर भगवान अवश्य ही भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। गुमानदेव हनुमान का दर्शन समस्त कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है। इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि यहां अष्ट चिरंजीवी विराजित है। करीब 30 साल पहले अष्टचिरंजीवी की अष्टधातु की मूर्तियों को मंदिर के परिक्रमा पथ पर विराजित किया गया है। भगवान गुमानदेव हनुमान की प्रदक्षिणा करते हुए भक्तों को महर्षि अश्वस्थामा, महाराजा बली, महर्षि वेदव्यास, महाराजा विभिषण, महर्षिमार्कण्डेय, भगवान परशुराम व महर्षि कृपा चार्य के दर्शन होते हैं।
महाअभिषेक और जन्म आरती
गुमानदेव हनुमान मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय हनुमान जन्मोत्सव के तहत बुधवार को सुबह 10.30 बजे भगवान का पंचामृत, फलों के रस तथा औषधियों के जल से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। गुरुवार को सुबह 9 बजे जन्म आरती होगी। दोपहर में हवन तथा रात 8.30 बजे महाआरती के बाद प्रसादी का वितरण होगा।
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