दुकानों के शटर, शेड और बारजे तोड़े गए, नैला के मुख्यालय बनने के बाद

बताया गया कि, व्यापारियों को एक माह पहले ही व्यवस्था करने के लिए जिला प्रशासन ने अल्टीमेटम दिया था। शासकीय भूमि की जद को चिन्हाकित कर किया गया। इसके बाद भी आदेश की अनदेखी व्यापारियों ने की और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। वहीं सड़क किनारे गुमटी लगाने वालों ने अपनी व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है।

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में मंगलवार सुबह जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण पर कार्रवाई की। इस दौरान कचहरी से लेकर रेलवे के निर्माणाधीन ओवरब्रिज तक प्रशासन का बुलडोजर चला। टीम ने जाम से निजात दिलाने सड़क किनारे लगी दुकानों को हटाया। साथ ही पक्की बनी दुकानों के शटर, शेड और छज्जे तक तोड़ डाले। नैला के नगर पालिका मुख्यालय बनने के बाद पहली बार अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

नैला नगर पालिका क्षेत्र में मंगलवार सुबह 6 बजे से ही प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी। उस समय ज्यादातर दुकानें बंद थी। कार्रवाई की सूचना मिलते ही व्यापारी वहां एकत्र होने लगे, हालांकि उनकी एक नहीं चली। तमाम अधिकार और भारी पुलिस के सामने  व्यवसायी चुपचाप कार्रवाई को देखते रहे। सबसे पहले सड़क किनारे लगी दुकानों पर कार्रवाई शुरु की गई। इसके बाद विवेकानंद मार्ग पर कई बड़ी दुकानों के शटर और छज्जे भी गिरा दिए गए। नगर के लोगों ने जिला प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है।

नगर पालिका सीएमओ ने बताया कि, यहां सबसे बड़ी समस्या पार्किंग कि है। सड़क किनारों के साथ-साथ पार्किंग की जमीन को भी व्यवसायियों अपने कब्ज़ा में ले लिया है। इसके कारण नगर की सड़क, नाली और बुनियादी सुविधा के विस्तार के लिए पालिका को समस्या का सामना करना पड़ रहा था। स्थानीय स्तर पर भी कई बार मांग उठ चुकी थी। ऐसे में कलेक्टर ने सभी सड़कों को निरीक्षण कर रोड मैप तैयार कराया। फिर जिला प्रशासन की मदद से प्रथम चरण में बेजा कब्ज़ा हटाया जा रहा है।

 

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