ये हैं गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय, जानिए इसके फायदे

बृहस्पति एक अत्यंत ही शुभ ग्रह माना जाता है. बृहस्पति की शुभता का प्रभाव ही व्यक्ति को जीवन में सफलता और आगे बढ़ने की शक्ति देता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति की महादशा जीवन में ज्ञान शक्ति एवं बौद्धिकता का समय होता है.

बृहस्पति की कुंडली में शुभ स्थिति होने पर हर दिशा से शुभ फल प्राप्त होते हैं. भाग्य आपके साथ है. व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति करता है, धन की कमी नहीं रहती है. लेकिन यदि बृहस्पति कमजोर होता है तो वह अनुकूलता की कमी का समय होता है. आइए जानते हैं गुरु को मजबूत करने के उपाय

गुरु को मजबूत करने के उपाय
गुरुवार का रखें व्रत गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह को समर्पित है. गुरु को मजबूत करने के लिए इस दिन व्रत रखना चाहिए. इस दिन पीली मिठाई, हल्दी, बेसन आदि से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए. साथ ही इन चीजों का दान करना भी शुभ माना जाता है.

बृहस्पति की पूजा से मिलता है शुभ लाभ. यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ स्थिति में है तो विधि-विधान से बृहस्पति देव की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए.

पुखराज रत्न धारण करें जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु कमजोर हो तो उसे पुखराज रत्न धारण करना चाहिए. हालांकि, रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी की सलाह जरूर लेनी चाहिए. क्योंकि ज्योतिषी राशि और राशि के अनुसार और ग्रहों की स्थिति के अनुसार रत्न धारण करने की सलाह देते हैं.

पानी में हल्दी डालकर स्नान करना भी उपयुक्त होता है. बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए आपको पानी में हल्दी डालकर नहाना चाहिए. इससे बृहस्पति का अशुभ प्रभाव कम होता है और शुभता प्राप्त होती है.

केले के पौधे की पूजा करना अत्यंत शुभ होता है. बृहस्पति के कमजोर होने पर केले के पौधे की पूजा करनी चाहिए. साथ ही हल्दी, गुड़ और चने की दाल का भोग लगाना चाहिए. इससे शुभ फल मिलते हैं और परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

जरूरतमंदों को करें दान गुरुवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को चने की दाल, केले और पीली मिठाई का दान करना चाहिए. इससे धन और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही गुरु की कृपा प्राप्त होने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. गुरु के इन मंत्रों का करें जाप गुरु की कृपा पाने के लिए जातक इन मंत्रों का जाप कर सकता है.
1. ऊँ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु.
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणधेहि चित्रम्..
2. गुरु का तांत्रिक मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पतये नमः
3. गुरु का बीज मंत्रः-ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः.

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