आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत दो सप्ताह यानी 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है। न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने पर सीबीआई ने सिसोदिया को अदालत के समक्ष किया था पेश।
इससे पहले 20 मार्च को भी अदालत ने बढ़ाई थी न्यायिक हिरासत की अवधि। 31 मार्च को अदालत ने इसी मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका कर दी थी खारिज। 26 फरवरी को सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार।
कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
वहीं, शुक्रवार को जुड़े सीबीआई के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआई अदालत ने कहा कि पूरे मामले में आपराधिक साजिश रचने का सिसोदिया को प्रथम दृष्टया सूत्रधार माना जा सकता है।अदालत ने पाया कि लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत का भुगतान उनके और दिल्ली सरकार में उनके अन्य सहयोगियों के लिए था। वहीं इसमें से 20-30 करोड़ रुपये सह-अभियुक्त विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और अनुमोदक दिनेश अरोड़ा के माध्यम से रूट किए गए पाए गए हैं।इसके बदले सिसोदिया ने साउथ लाबी के हितों को संरक्षित करने के लिए आबकारी नीति के कुछ प्रविधानों को संशोधित और हेरफेर करने की अनुमति दी गई।
क्या है मामला
आपको बता दें कि आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सिसाेदिया को गिरफ्तार किया था और अदालत ने उन्हें छह मार्च को न्यायिक हिरासत में जेल में भेज दिया था। ईडी के मनी लांड्रिंग मामले में भी न्यायिक हिरासत में हैं।
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