कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस एक अप्रैल से दाखिल करेगी चार्जशीट

कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस हत्या, साजिश, सबूत मिटाने के आरोप में एक अप्रैल को चार्जशीट दाखिल कर सकती है। आरोपियों पर एक जनवरी को तड़के कार से टक्कर मारकर एक 20 वर्षीय युवती को कई किलोमीटर तक घसीटकर हत्या करने का आरोप है।

अदालत ने पुलिस से कहा था कि आरोप पत्र दाखिल करने का 90 दिन का समय एक अप्रैल को समाप्त हो रहा है। आप कब तक आरोप पत्र दाखिल करेंगे। जांच अधिकारी ने जवाब दिया कि आरोपपत्र तैयार हो चुका है और उसकी जांच की जा रही है। इसे जल्द दाखिल कर दिया जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 के तहत अगर जांच एजेंसी 60 या 90 दिन के भीतर अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं करती तो आरोपी जमानत पाने का हकदार हो जाता है।

दिल्ली पुलिस ने 2 जनवरी को दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हालही में इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) लगाया है, जबकि शुरू में यह मामला गैर इरादतन हत्या और सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का था। इस मामले के दो आरोपी आशुतोष भारद्वाज एवं अंकुश को पहले ही अदालत ने जमानत दे दी है, जबकि दीपक खन्ना की जमानत याचिका को सत्र अदालत ने खारिज कर दिया था।

कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस हत्या, साजिश, सबूत मिटाने के आरोप में एक अप्रैल को चार्जशीट दाखिल कर सकती है। आरोपियों पर एक जनवरी को तड़के कार से टक्कर मारकर एक 20 वर्षीय युवती को कई किलोमीटर तक घसीटकर हत्या करने का आरोप है।

अदालत ने पुलिस से कहा था कि आरोप पत्र दाखिल करने का 90 दिन का समय एक अप्रैल को समाप्त हो रहा है। आप कब तक आरोप पत्र दाखिल करेंगे। जांच अधिकारी ने जवाब दिया कि आरोपपत्र तैयार हो चुका है और उसकी जांच की जा रही है। इसे जल्द दाखिल कर दिया जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 के तहत अगर जांच एजेंसी 60 या 90 दिन के भीतर अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं करती तो आरोपी जमानत पाने का हकदार हो जाता है।

दिल्ली पुलिस ने 2 जनवरी को दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हालही में इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) लगाया है, जबकि शुरू में यह मामला गैर इरादतन हत्या और सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का था। इस मामले के दो आरोपी आशुतोष भारद्वाज एवं अंकुश को पहले ही अदालत ने जमानत दे दी है, जबकि दीपक खन्ना की जमानत याचिका को सत्र अदालत ने खारिज कर दिया था।

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