2030 तक छत्तीसगढ़ बन सकता है देश का दूसरा बड़ा स्टील उत्पादक राज्य

 देशभर के उद्योगपतियों ने राजधानी में आयोजित कान्क्लेव में संकल्प लिया है कि वर्ष 2030 तक 300 मिलियन यानी 30 करोड़ टन सालाना स्टील उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। कान्क्लेव में संभावना जताई गई कि अगले सात वर्षों में छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक राज्य बन सकता है।

आल इंडिया स्टील कान्क्लेव में देशभर के उद्योगपति हो रहे हैं शामिल
आल इंडिया स्टील कान्क्लेव-2023 का आयोजन नवा रायपुर स्थित होटल मेफेयर रिसोर्ट में किया जा रहा है। इसमें महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के उद्योग व इस्पात विभाग के अधिकारी भी इसमें सम्मिलित हैं।

कार्यक्रम के आयोजक छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन के उद्योगपतियों ने कहा कि लौह अयस्क और सुविधाएं मिलें तो 2030 तक छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान से छलांग लगाकर देश का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक राज्य बन सकता है। देशभर के कुल स्टील उत्पादन में राज्य की हिस्सेदारी 30 से 35 प्रतिशत हो सकती है। वर्तमान में देशभर के कुल स्टील उत्पादन में प्रदेश का योगदान 15 से 20 प्रतिशत है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री कवासी लखमा, केंद्रीय इस्पात सचिव नागेन्द्रनाथ सिन्हा, बीएसपी के सीईओ अनिर्बान दासगुुप्ता सहित रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, महासचिव बांके बिहारी अग्रवाल, इवेंट चेयरमेन रमेश अग्रवाल, स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी आदि उपस्थित थे।
नगरनार स्टील प्लांट को बचाना होगा : लखमा

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर जिले में स्थित नगरनार स्टील प्लांट को बचाना होगा। केंद्र सरकार ने इस स्टील प्लांट को निजी हाथों में सौंपने का फैसला ले लिया है, लेकिन स्थानीय जनता इसके पक्ष में नहीं है। औद्योगिक नीति 2019-24 में उद्योगपतियों के प्राप्त सुझावों के आधार पर समस्याएं दूर की जा रही हंै।

 

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