विदेशी निवेशकों की ओर से भारतीय शेयर बाजारों में मार्च के महीने में अब तक के कारोबारी सत्रों में 7,200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसमें अमेरिकी फर्म GQG की ओर से अदाणी ग्रुप की कंपनियों में किया गया निवेश शामिल है।
डिपॉजिटरी की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, फॉरेन पोर्टपोलियो इन्वेसटर्स (FPIs) की ओर से 25 मार्च के कारोबारी सत्र में 7,233 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इससे पहले के महीने फरवरी में 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये एफपीआई ने निकाले थे। वहीं, दिसंबर में एफपीआई द्वारा 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।
FPI में जारी रह सकता है उतार-चढ़ाव
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, वीके विजयकुमार का कहना है कि अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस के कारण एफपीआई सतर्क बने हुए हैं। सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने से शेयर बाजारों पर दबाव बना हुआ है।
मार्च के FPI Inflow Data में GQG द्वारा अदाणी ग्रुप के चार शेयरों में 15,446 करोड़ रुपये का भारी निवेश शामिल है। इसे अगर निकाल दिया जाए तो एफपीआई का निवेश मार्च में नकारात्मक है।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) श्रीकांत चौहान ने कहा कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड की ओर से 25 आधार अंक की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना इस बात को दर्शाता है कि बैंकिंग सिस्टम मजबूत है, लेकिन एफपीआई की ओर से किए जाने वाले निवेश में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
इन सेक्टरों में FPI कर रहे खरीदारी
सेक्टरों के आधार पर देखा जाए तो एफपीआई ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल और पावर कंपनियों में खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि, आईटी शेयरों में जमकर बिकवाली की है।
अन्य देशों में भी कर रहे बिकवाली
चीन, इंडोनेशिया और भारत को छोड़कर एफपीआई निवेशक अन्य विकासशील बाजारों जैसे दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाइलैंड में निकासी कर रहे हैं।
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