बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर उदयपुर के हाथीपोल थाने में भड़काऊ बयान का मामला दर्ज किया गया है। यह बयान पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दर्ज किया है। शास्त्री द्वारा 23 मार्च को महाराणा भूपाल स्टेडियम में नववर्ष पर आयोजित धर्मसभा में बड़ी संख्या में बैठे लोगों को आह्वान करते हुए कहा था कि कुम्भलगढ़ किले में हरे झंडे हटाने हैं और भगवा झंडा लगाना है। पुलिस ने इस बयान को धार्मिक हिंसा भड़काने वाला बयान माना है।
उदयपुर के एडिशनल एसपी चन्द्रशील ठाकुर ने बताया कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा समुदायों के बीच विवाद बढ़ाने वाले उत्तेजक शब्दों का प्रयोग किया गया। इस बयान के बाद कुछ युवाओं ने कुम्भलगढ़ किले पर गुरुवार रात में उत्पात मचाने की कोशिश की। इस मामले में पांच युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ केलवाड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि बयान को भड़काऊ और विवादित मानते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि प्रसंज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया है। मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय नववर्ष को लेकर भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति व नगर निगम की ओर से 23 मार्च को महाराणा भूपाल स्टेडियम में धर्मसभा आयोजित की गई थी। इसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर और बांसवाड़ा के संत उत्तम स्वामी सहित कई संत-महात्मा मंच पर मौजूद थे।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने भाषण में राजसमंद जिले के कुम्भलगढ़ किले में भगवा झंडा लगवाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा था कि डरते तो हम किसी के बाप से नहीं हैं। डरते तो वो हैं जो बुजदिल होते हैं। हम तो वो हैं, जो कुम्भलगढ़ किले में भी भगवा झंडा लगवाकर मानेंगे। युवाओं की भीड़ को आह्वान करते हुए उन्होंने कहा था कि तुम चाहते हो कि वहां भगवा झंडा गढ़े। क्या ये बात सही है, अगर सही तो क्यों चुप बैठे हो।
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