नई दिल्ली । भारत एवं जापान ने वैश्विक उथल-पुथल के बीच दुनिया में टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना एवं स्थायित्व के लिए आर्थिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाने के इरादे के साथ आपसी सहयोग के आठ करार दस्तावेजों पर सोमवार को हस्ताक्षर किए। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक रीजन के लिए 75 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के बुनियादी ढांचे और सुरक्षा सहायता की घोषणा की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किशिदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के बाद थिंक टैंक इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
इससे पहले किशिदा ने पीएम मोदी को हिरोशिमा में मई में आयोजित हो रहे जी-7 समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया। पीएम मोदी ने भी सितंबर में जी-20 के शिखर सम्मेलन में किशिदा की पुनः मेजबानी करने की अपेक्षा की।
मीडिया के अनुसार किशिदा ने मुक्त और खुले भारत-प्रशांत के लिए अपनी दृष्टि को रेखांकित किया है। उन्होंने पूर्व जापानी प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे को इस सहायता का श्रेय दिया। जापान द्वारा घोषित 75 अरब डॉलर की सहायता राशि निजी क्षेत्र के साथ मिलकर 2030 तक उपलब्ध कराई जाएगी। मोदी ने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी हमारे साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय पटल पर कानून के शासन के सम्मान पर आधारित है। इस साझेदारी को मजबूत बनाना, हमारे दोनों देशों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, इससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शान्ति, समृद्धि और स्थिरता को भी बढ़ावा मिलता है। आज हमारी बातचीत में हमने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की।
सेमी कन्डक्टर व अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य, और डिजिटल साझीदारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया। सेमी कन्डक्टर और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी में विश्वस्त आपूर्ति श्रृंखला के महत्व पर भी हमारे बीच सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन यानी तीन लाख 29 हजार करोड़ रुपए के जापानी निवेश का लक्ष्य तय किया था। यह संतोष का विषय है कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में हमने भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मक साझेदारी की स्थापना की थी। इसके अंतर्गत हम हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, लघु एवं मध्यम उद्योग, कपड़ा उद्योग, मशीनरी और इस्पात जैसे क्षेत्रों में भारतीय इंडस्ट्री की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा रहे हैं। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे इस बात की भी खुशी है कि हम 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज वर्ष के रूप में मना रहे हैं और इसके लिए हमने हिमालय एवं मांउट फूजी संपर्क नाम का थीम चुना है।
मोदी को किशिदा ने जी-7 लीडर्स समिट के लिए दिया निमंत्रण
पीएम मोदी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री किशिदा ने मुझे मई महीने में हिरोशिमा मे होने वाली जी-7 लीडर्स समिट के लिए निमंत्रण दिया। इसके लिए मैं उनका हृदय से धन्यवाद करता हूँ। इसके कुछ महीनों बाद सितम्बर में जी-20 लीडर्स समिट के लिए मुझे प्रधानमंत्री किशिदा का फिर से भारत में स्वागत करने का अवसर मिलेगा। हमारी कामना है कि बातचीत और संपर्कों का यह सिलसिला इसी प्रकार चलता रहे और भारत-जापान संबंध लगातार नई ऊंचाइयों को छूते रहें।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.