भोपाल । उमा भारती की शराबबंदी का असर अब टीकमगढ़ जिले में देखने को मिलेगा। साल 2023 के नए सत्र में इस बार श्रीराम राजा की नगरी ओरछा में शराब का विक्रय नहीं होगा। गौरतलब है कि टीकमगढ़-निवाड़ी जिले की 86 शराब दुकानों के टेंडर हो चुके हैं, जो एक अप्रैल से नए सिरे से लागू हो जाएंगे। आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार टीकमगढ़ जिले में 54 और निवाड़ी जिले में 32 शराब दुकानें हैं। इन शराब दुकानों को संचालित करने के लिए मार्च में प्रक्रिया शुरू की गई। अब तक टीकमगढ़ जिले की 54 शराब दुकानों में से 51 शराब दुकानों के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जबकि टीकमगढ़ जिले में 3 दुकानों के टेंडर शेष रह गए हैं। जिसके लिए फिर से टेंडर प्रक्रिया की जा रही है।
इस बार भी शराब ठेकेदारों ने ग्रुप में शराब दुकानों को ठेके पर लिया है। इसी तरह निवाड़ी जिले में 33 शराब दुकानें है, लेकिन इनमें से 32 शराब दुकानों को ठेके पर दिया गया है। जबकि एक शराब दुकान जो ओरछा में संचालित थी उस दुकान का ठेका नहीं दिया गया है। ऐसे में अब ओरछा में शराब दुकान का संचालन अब एक अप्रैल से नहीं होगा। जिससे ओरछा में अब शराब विक्रय पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा। अधिकारियों का कहना है अगर कोई ओरछा में अवैध तरीके से शराब बेचता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। आबकारी अधिकारी पतरस बड़ा ने बताया कि टीकमगढ़ जिले में इस बार शराब दुकानें 10 प्रतिशत ज्यादा राशि पर ठेके पर गई हैं। इस बार जिले में शराब दुकानों के ठेके 124 करोड़ रुपए के लगभग में हुए हैं। शराब दुकान के नए ठेके एक अप्रैल से शुरू हो जाएंगे।
उमा ने अपने गांव से की थी शराबबंदी की शुरुआत
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने गांव डूडा से शराबबंदी की शुरूआत की थी। इसके बाद पूरे प्रदेश में शराब को प्रतिबंधित कराने के लिए उन्होंने कई दुकानों में गोबर तो कहीं पत्थर फेंककर विरोध जताया था। ओरछा प्रवास के दौरान उमा भारती ने शराब दुकान पर गोबर फेंककर इसे बंद कराने की बात कही थी। इसके बाद जब दूसरी बार वह ओरछा पहुंची और उन्हें दुकान बंद नहीं दिखीं, तो रात में शराब दुकान के बाहर चौपाल लगाकर बैठकर गई थीं। इसके बाद उन्होंने दुकान के बारह गाय को चारा भी खिलाया था। वह लंबे समय से श्रीरामराजा की नगरी में शराब विक्रय को रोकने की मांग कर रही थीं।
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