अहमदाबाद । घाटी में पकड़ा गया,महाठग किरण पटेल गुजरात के कई रसूखदार उद्योगपतियों और राजनेताओं के संपर्क में था। उसे विशेष रूप में घाटी में जाकर पर्यटन स्थलों के आसपास के बागान और ऐसे बागान जो मुनाफे की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकते थे। उनकी पहचान करने के लिए भेजा गया था। उसे गृह मंत्रालय और गुजरात के कद्दावर भाजपा नेताओं की अनुशंसा पर मौखिक आदेश पर जेड प्लस की सुरक्षा दी गई थी। पिछले 5 महीने में वह घाटी के विभिन्न स्थानों पर जाकर जमीनों और बागानों के संबंध में जानकारी एकत्रित कर रहा था। जांच एजेंसियों की पूछताछ मे यह खुलासा हुआ है। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद, अब वहां पर कोई भी व्यक्ति वहां के बागान, जमीन और संपत्ति क्रय कर सकता है।
इसके बाद गुजरात के रसूखदार भाजपा नेताओं,कारोबारियों, और शीर्ष अधिकारियों ने कश्मीर में बागान और जमीन खरीदने के लिए किरण को वहां भेजा था। वही इसकी मदद कर रहे थे।
गांधीनगर में बनी थी रणनीति
गुजरात के गांधीनगर के एक बड़े होटल में पिछले साल सितंबर में किरण कुमार की पांच पावरफुल लोगों के साथ बैठक हुई थी। इसका मुख्य विषय कश्मीर के विभिन्न इलाकों में जाकर पर्यटन के उपयोग में आने वाली जमीने,सेव के बागान, अखरोट और केसर से संबंधित खेती और बागानों को खरीदने के लिए जमीन की तलाश में भेजा गया था।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार किरण पटेल की पत्नी मालिनी पटेल ने भी स्वीकार किया है,कि दक्षिण कश्मीर में सेब के बागान खरीदने के लिए किरण पटेल को जमीने खोजने का काम सौंपा गया था।
किरण पटेल 27 अक्टूबर को पहली बार श्रीनगर पहुंचा था। उसने पिछले 5 महीनों में बारामूला शोपियां पुलवामा जैसे संवेदनशील इलाकों में भी बार-बार दौरे करके जमीनों के संबंध में जानकारी एकत्रित की है। इसमें कश्मीर घाटी के अधिकारियों का भी बड़े पैमाने पर सहयोग लिया है। जेड प्लस सिक्योरिटी,गृह मंत्रालय तथा राजभवन से उसे लगातारमौखिक निर्देश पर सहायता दी जा रही थी।
2 साल में कश्मीर में हुई खरीद-फरोख्त की जांच
जांच अधिकारियों से मिले सूत्र के बाद,प्रधानमंत्री कार्यालय ने जम्मू-कश्मीर में पिछले 2 साल में हुए सभी जमीन संबंधी क्रय विक्रय की जानकारी मांगी है। 15 दिन के अंदर प्रधानमंत्री कार्यालय में यह जानकारी भेजने के निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए गए हैं।
किरण पटेल के अपराधिक प्रकरण
गुजरात में किरण पटेल के ऊपर काफी अपराधिक प्रकरण दर्ज है। 7 अगस्त 2019 को रावतपुरा बड़ोदरा में मुकदमा क्रमांक 0064/19 मै भारतीय दंड संहिता की धारा 114, 294, 406,420 और 507 के अंतर्गत दर्ज है।
नरोदा पाटिया में 24 फरवरी 2017 को एक केस दर्ज हुआ था। उसमें भी धारा 420,406 और 120 बी का मामला दर्ज है।
22 अगस्त 2018 को अरावली के बाइड थाने में धारा 420,406 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज है।
किरण पटेल विश्व हिंदू परिषद और भाजपा से जुड़ा रहा है। वह ट्रांसफर पोस्टिंग और ठेके दिलाने का काम भी करता था। उसके दो मुख्यमंत्रियों से निकट के संपर्क थे। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार धारा 370 हटने के बाद गुजरात के बड़े कारोबारी और बड़े राजनेता कश्मीर में संपत्ति खरीदने उतावले थे। इसके लिए गुजरात कनेक्शन का सहारा लेते हुए किरण पटेल को घाटी की रेकी करने, जमीन की जानकारी प्राप्त करने और उनके मालिकों से बात करने के लिए उसे भेजा गया था। उसे जो जेड प्लस सुरक्षा, गाड़ियां और सुविधाएं मिली हैं। यह सब मौखिक आदेश पर उपलब्ध होने की बात सामने आ रही है। इतने संवेदनशील क्षेत्र में मौखिक आदेश किस तरह से प्रभावित हो जाते हैं। इसको लेकर सुरक्षा और जांच एजेंसियां आश्चर्यचकित हैं।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.