गौरतलब है कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी पीएम नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा जीतने की बात कही थी। इसके बाद पीएम मोदी बोहरा समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए तो अपनी चार पीढ़ी के रिश्तों का भी उल्लेख किया था। इसके बाद पार्टी ने रणनीति बनाई है की इस वर्ग को हर हाल में पार्टी से जोड़ना है। मप्र में भाजपा इस तबके के बीच अपनी पैठ जमाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसलिए पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाले मुस्लिम वर्ग के लोगों के दरवाजे पर भी दस्तक देगी। विधानसभा चुनाव जीतने और वोट शेयर 51 प्रतिशत करने के लिए भाजपा मुस्लिम हितग्राहियों की सूची तैयार करवा रही है। बूथ और पन्ना कमेटी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। सूची तैयार होने के बाद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी मुस्लिम हितग्राहियों से संपर्क करेंगे। उन्हें भरोसा दिलाएंगे कि भाजपा का उद्देश्य सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास जीतना है।
25 फीसदी सीटों पर अहम भूमिका
भोपाल की उत्तर और मध्य विधानसभा के अलावा प्रदेश की 25 फीसदी सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक बड़ी भूमिका निभाता है। इनमें भोपाल की नरेला विधानसभा, बुरहानपुर, शाजापुर, देवास, रतलाम सिटी, उज्जैन उत्तर, जबलपुर पूर्व, मंदसौर, रीवा, सतना, सागर, ग्वालियर दक्षिण, खंडवा, खरगोन, इंदौर-एक, देपालपुर में मुस्लिम वोटरों का प्रभाव है। हर विधानसभा सीट पर इनकी उपस्थिति अच्छी खासी संख्या में है, जिनमें करीब 44 जातियां जैसे राइनी, इदरीसी, नाई, मिरासी, मुकेरी, बारी, घोसी शामिल हैं। इसको देखते हुए भाजपा ने मुस्लिमों को साधने का जतन शुरू कर दिया है।
भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि केंद्र में मोदी सरकार और प्रदेश में शिवराज सरकार ने बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ हर वर्ग के नागरिकों को दिया है। कांग्रेस ने भले ही भाजपा सरकारों के बारे में अल्पसंख्यकों में डर फैलाने का कार्य किया हो लेकिन केंद्र की लगभग नौ साल और राज्य में भाजपा की 18 साल की सरकार में यह सिद्ध हो गया कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना के साथ कार्य कर रही है। अब समय आ गया है कि विचार और निर्णय भी अल्पसंख्यक वर्ग करे।
मुस्लिम हितग्राहियों के घर दस्तक देगी भाजपा
पार्टी की रणनीति यह है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में भी भाजपा को जीत मिले। पहले मुस्लिम मतदाता भाजपा से दूर रहते थे लेकिन, बीते दो लोकसभा चुनाव में मतदान के रुझान बताते हैं कि अब मुस्लिम मतदाता भी भाजपा को वोट दे रहे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आठ प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया था। यही वजह है कि वर्ष 2024 से पहले जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, उनमें भाजपा मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा जीतने के लिए भरसक कोशिश कर रही है। इसी रणनीति के तहत पार्टी पहले बूथ और उससे आगे भी उन मुस्लिम मतदाताओं का ब्योरा एकत्र कर रही है, जिन्होंने नरेन्द्र मोदी या शिवराज सरकार की हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ लिया है। इसके बाद उन तक पार्टी की भावना पहुंचाई जाएगी। पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि इस प्रयास से पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा। इससे पहले मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा से बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक पार्षद चुने गए हैं। भाजपा सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में निशुल्क राशन, गैस कनेक्शन, संबल योजना, मुख्यमंत्री निकाह योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, जननी सुरक्षा योजना का लाभ भी इस वर्ग को मिला है। मप्र भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष रफत वारसी कहते हैं कि यह सच है कि हम मुसलमानों के बीच काम कर रहे हैं। आगे की रणनीति यह है कि हर जिले में मुस्लिम समुदायों का हितग्राही सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कुल आबादी का साढ़े सात प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम है।
भाजपा की नई रणनीति पर अमल शुरू
भोपाल। सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा का लक्ष्य है की इस बार मप्र में 200 से अधिक सीटें जीतकर इतिहास बनाया जाए। इसके लिए पार्टी के रणनीतिकारों ने 51 फीसदी वोट का टारगेट रखा है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए मप्र में सत्ता और संगठन का फोकस है कि हर वर्ग और हर धर्म के मतदाताओं का अधिक से अधिक वोट पाया जाए। इसलिए इस बार के चुनाव में भाजपा मुस्लिम मतदाताओं पर विशेष फोकस करेगी। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर पसमांदा मुस्लिम का साथ मिलता है तो पार्टी 200 पार का नारा साकार कर सकती है। इसलिए भाजपा मुस्लिम हितग्राहियों के घर दस्तक देगी।
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