21 मार्च 2023 को चैत्र अमावस्या है। इसे भूतड़ी अमावस्या भी बोला जाता है। साथ ही इस बार मंगलवार के दिन चैत्र अमावस्या होने से ये भौमवती अमावस्या भी कहलाएगी। मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए भौमवती अमावस्या बहुत अहम मानी जाती है।
ये इस संवत की आखिरी अमावस्या होगी। धार्मिक मान्यता है कि चैत्र अमावस्या पर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप मिट जाते हैं तथा दान करने से नौकरी, व्यापार में तरक्की की राह सरल हो जाती है। पितर भी बेहद खुश होते हैं।
चैत्र अमावस्या 2023 तिथि:-
चैत्र अमावस्या तिथि शुरू – 21 मार्च 2023, प्रात: 01।47
चैत्र अमावस्या तिथि समाप्त – 21 मार्च 2023, रात 10।53
चैत्र अमावस्या पर दान:-
नौकरी-व्यापार में तरक्की:- यदि आप ऐसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो चैत्र अमावस्या के दिन वस्त्र, दूध, चावल का दान करें। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।
मंगल दोष:- भौमवती अमावस्या पर मंगल के बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का 108 बार जाप करें या उससे जुड़ी वस्तुएं स्वर्ण, गुड़, घी, लाल मसूर की दाल, कस्तूरी, केसर, लाल वस्त्र, मूंगा, ताम्बे के बर्तन का निर्धन को दान करें।
पितृ दोष से मुक्ति:- इस तिथि में पितरों की शांति के उद्देश्य से किया गया दान आदि अक्षय लाभदायी होता है। मान्यता है कि चैत्र अमावस्या के दिन काले तिल का दान करने से पितृ दोष दूर होता है तथा शनि देव खुश होते हैं, चूंकि अमावस्या को शनिदेव की जन्म तिथि भी माना गया है।
संतान सुख:- संतान सुख पाने के लिए चैत्र अमावस्या पर लोटे में दूध, पानी, काले तिल एवं जौ मिलाकर पीपल की जड़ में चढ़ाएं। 7 बार पीपल की परिक्रमा करें। अमावस्या की शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक लगाएं। इस उपाय से संतान प्राप्ति की राह सरल होती है।
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