छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को विपक्ष ने प्रधानमंत्री आवास मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष को घेरा। बीजेपी ने योजना से वंचित लोगों को शामिल करने के लिए सरकार की कार्यवाही की जानकारी मांगी। मामले में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर विरोध जताया।
भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहिले ने पीएम आवास का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 के सर्वे सूची अनुसार, प्रदेश में पीएम आवास योजना में छूट गए लोगों को क्या फिर से सूची में शामिल किए जाने के लिए क्या कार्यवाही करेंगे। इस पर पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार ने सर्वे कराने का फैसला लिया है। अप्रैल 2023 में उन सभी पात्र लोगों को शामिल किया जाएगा, जो लोग बचे हैं। विपक्ष ने आवास की संख्या पर भी सवाल किया। विपक्ष को केंद्र से मकान बनाने का लक्ष्य बताते हुए मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा मैं इन्हें बताते-बताते हुए खुद ही कंफ्यूज हो गया हूं। इस पर विपक्ष ने कहा कि सरकार गरीबों का मकान छीन रही है। मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं।
मंत्री बोले- कुल 676.45 करोड़ राज्यांश दिया
मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि हर बार विपक्ष अलग-अलग आंकड़ा देता है। 16 लाख मकान मकान नहीं, कुल 16 लाख बनने थे। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1 लाख 51 हजार 100 स्वीकृत की गई थी। इसी तरह 2020-21 में 1 लाख 57 हजार 815 आवास स्वीकृत हुए थे। साल 2021 -22 में एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ। साल 2022-23 में 79 हजार पीएम आवास स्वीकृत किए गए है। 4 सालों में कुल 3 लाख 87 हजार 915 आवास स्वीकृत किए गए। इसके लिए कुल 676.45 करोड़ राज्यांश की राशि दी गई है। मंत्री ने कहा कि कोरोना काल की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण हम राज्यांश नहीं दे पाए, लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि गरीबों के साथ केंद्र सरकार ने अन्याय किया।
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