छात्रों को अब नहीं पड़ेगी मोबाइल चार्जर साथ लाने की जरूरत, दिल्ली के शिवाजी कॉलेज में लगा पावर बैंक स्टेशन…

आज के दौर में मोबाइल सबसे अहम जरूरी सामानों में से है। जाहिर है ऐसे में मोबाइल में बैटरी की खपत भी ज्यादा होगी और दिन में एक बार चार्ज करने के बाद भी पूरे दिन मोबाइल का इस्तेमाल करना संभव नहीं होगा।

यही कारण है कि कई लोग अपने साथ पावर बैंक साथ लेकर चलते है। वहीं, अब राजा गार्डन स्थित शिवाजी कॉलेज के विद्यार्थियों व किसी भी प्रोफेसर व अन्य कर्मचारी को पावर बैंक या चार्जर साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ती। कॉलेज परिसर में ए3 चार्ज कंपनी द्वारा पावर बैंक स्टेशन स्थापित किया है। जहां प्रतिदिन तीन रुपये का भुगतान कर पावर बैंक प्राप्त कर मोबाइल को चार्ज किया जा सकता है।

अच्छी बात यह है कि शुरुआती एक माह तक यह सेवा हर किसी के लिए मुफ्त है। विद्यार्थियों को यह पावर बैंक स्टेशन काफी पसंद आ रहा है और करीब-करीब हर विद्यार्थी इसके लिए आनलाइन पंजीकरण करा चुका है।

यूलू बाइक जैसे है नियम

इस पावर बैंक स्टेशन में 48 पावर बैंक है। ए3 चार्ज नामक एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद व्यक्ति को उस पर अपना पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण करने के बाद पावर बैंक स्टेशन पर लगे बार कोड को स्कैन करने के बाद व्यक्ति को पावर बैंक प्राप्त हो जाएगा। मात्र 45 मिनट में मोबाइल फूल चार्ज हो जाएगा।

एक बार पावर बैंक प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को उसे सात दिन के भीतर वापस करना होगा। अच्छी बात यह है कि जरूरी नहीं कि जहां से पावर बैंक लिया गया है वहीं वापस किया जाए।इसके नियम भी कुछ-कुछ यूलू बाइक जैसे ही है। यानि कही भी पावर बैंक को वापस कर सकते है, जहां भी यह पावर बैंक स्टेशन लगा है। इसकी जानकारी एप पर उपलब्ध है। दूसरी खास बात यह है कि इस पावर बैंक स्टेशन पर एक स्क्रीन लगी है, जिस पर कोई भी अपना विज्ञापन चला सकता है।

अब नहीं रुकेगे काम

विद्यार्थियों ने बताया कि कई बार जल्दबाजी में घर से मोबाइल आधा-अधूरा ही चार्ज कर पाते थे। काम में व्यस्तता के कारण पावर बैंक भी चार्ज करना भूल जाते है। जिसके कारण कई बार मोबाइल बंद हो जाता था और घरवाले परेशान होते थे। पर अब तीन रुपये में मोबाइल चार्ज हो जाता है। कई लोगों के मोबाइल फोन भी पुराने होते है, जिनका बैटरी बैकअप कम होता है। उन लोगों के लिए यह पावर बैंक स्टेशन काफी मददगार साबित हो रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकांश कॉलेजों में यह सुविधा अब उपलब्ध है।

 

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