मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई के सीमा शुल्क विभाग के तत्कालीन छह अधीक्षकों के खिलाफ छह अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। इन सरकारी सेवकों पर आरोप है कि उन्होंने यूबी केंद्र, जेएनसीएच में अपनी तैनाती के दौरान कई बार एक निजी व्यक्ति के साथ साजिश रची और सीमा शुल्क अधिनियम के तहत निवास स्थानान्तरण के प्रावधान का दुरुपयोग किया। गिरोह ने कथित तौर पर दो साल से अधिक समय से विदेश में रह रहे विभिन्न व्यक्तियों के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। आयातित सामान आदर्श रूप से उस व्यक्ति के लिए आयात करने का इरादा है जिसका पासपोर्ट सीमा शुल्क के समक्ष घोषित किया गया था। लेकिन वास्तव में ये सामान विदेशों में बसे और विदेशों में रहने वाले कई अन्य व्यक्तियों के लिए आयात किया जाता था। आरोप है कि पासपोर्ट धारक को पासपोर्ट का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के लिए 15,000 रुपये का भुगतान किया गया था। यह तरीका सीमा शुल्क अधिकारियों की मिलीभगत से अपनाया गया। मुंबई, दिल्ली, गाजियाबाद, जयपुर, मोतिहारी (बिहार), कुरुक्षेत्र और रोहतक में 19 स्थानों पर आरोपियों और उनके साथियों के ठिकानों पर तलाशी ली गई। सीबीआई द्वारा विभिन्न दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई है। इस बीच, गिरफ्तार अभियुक्तों को महाराष्ट्र के अलीबाग, जिला रायगढ़ में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने अभियुक्तों को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
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