जातीय समीकरण के चक्कर में अटकी भाजपा की टीम, प्रदेश स्तर से भेजे गए पैनल पर केंद्र में चल रहा मंथन

जातीय समीकरण पर पेंच फंसने के चलते भाजपा की नई टीम की घोषणा अभी नहीं की जा सकी है। प्रदेश स्तर से भेजे गए पैनल पर केंद्र में मंथन चल रहा है। काशी व अवध क्षेत्र में सबसे ज्यादा पेंच हैं।

भाजपा की प्रदेश पदाधिकारियों की नई टीम की घोषणा जातीय संतुलन के चक्कर में अटक गई है। एक पद के लिए एक ही जाति के कई दावेदार होने से मामला पेचीदा बन गया है। केंद्रीय नेतृत्व के स्तर से इसको लेकर मंथन चल रहा है। हालांकि सूची को हरी झंडी राष्ट्रीय मुख्यालय से ही मिलेगी।

नई टीम के लिए करीब दस दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह कोर कमेटी की सहमति से तैयार पैनल राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंप चुके हैं, अभी तक इसे हरी झंडी नहीं मिली है। सूत्रों के मुताबिक, शीर्ष नेता यूपी की नई टीम में ब्राह्मण, ठाकुर, भूमिहार, कायस्थ और वैश्य के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं। प्रदेश महामंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश मंत्री पद पर ब्राह्मण और ठाकुर समाज के दो दो लोग नियुक्त करने सहमति बनी है, पर दोनों ही समाज के दावेदारों की सूची बहुत लंबी हैं। एक एक पद के लिए कई मजबूत दावेदार हैं। इनमें वर्तमान प्रदेश पदाधिकारियों के साथ पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक और सांसद भी हैं।

 

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