दिल्ली में कल से ज्यादा भीड़ वाली जगह पर मास्क हो सकता है अनिवार्य

नई दिल्ली | मौसम में बदलाव के साथ वायरल इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों की स्थिति गंभीर है। इन्हें आईसीयू की जरूरत पड़ रही है। काफी मरीज ऐसे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन बेड पर भर्ती करना पड़ रहा है। जबकि कई मरीजों को दौरे तक आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इंफ्लुएंजा का रूप बदल रहा है। यह पहले से ज्यादा घातक है और कोविड की तरह तेजी से फैल रहा है। यही वजह है कि इंफ्लुएंजा को लेकर दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ गई है और इसी कारण शनिवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक बुलाई गई है।

संभावना है कि इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इसमें कल से ज्यादा भीड़ वाली जगह पर मास्क अनिवार्य हो सकता है। हालाकि जुर्माने का प्रावधान नहीं होगा। इसके अलावा केंद्र व दिल्ली के अस्पतालों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कहा जाएगा। दवाइयां व अन्य का इंतजाम करना होगा। बीते तीन दिनों में कोरोना के मामले दोगुनी रफ्तार से बढ़े हैं, जिसमे गुरुवार को कुछ कमी आई थी।उत्तर भारत में तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) 15 दिसंबर से अभी तक आए मरीजों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। इसमें 92 फीसदी मरीज बुखार से पीड़ित पाए गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में सांस की परेशानी के लिए इन्फ्लूएंजा-ए का H3N2 वायरस जिम्मेदार है। अधिकतर सैंपल की जांच में इसी की पुष्टि हुई है। यह मरीजों को लंबे समय तक बीमार बना रहा है।
इस बारे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली में मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर पीयूष रंजन ने बताया कि हर बार इंफ्लुएंजा का वायरस अपना रूप बदलता है। इस बार देखा जा रहा है कि मरीजों को तेजी से गले में दर्द, बुखार, खांसी, नाक बहना, सिर दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह कोविड की तरह फैल रहा है।

इन रोगों से पीड़ितों को ज्यादा खतरा

मधुमेह रोगी, कैंसर पीड़ित, किडनी, बुजुर्ग, बच्चे, सांस के मरीज, गंभीर बीमारी के मरीज, धूम्रपान करने वाले और सांस के मरीज को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। H3N2 वायरस सीधे नाक, गला, फेफड़े और सांस से संबंधित समस्याओं से लोगों को पीड़ित कर देता है।

 

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