नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) से अदाणी समूह को थोड़ी राहत मिली है। शेयर बाजार एनएसई और बीएसई ने घोषणा की है कि अदाणी समूह की तीन कंपनियों- अदाणी इंटरप्राइजेज, अदाणी पावर और अदाणी विल्मर को अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी व्यवस्था (एएसएम) से बाहर कर दिया गया है। एक्सचेंजों पर उपलब्ध अलग-अलग परिपत्रों के अनुसार, अदाणी समूह की इन तीन कंपनियों के शेयरों को 17 मार्च से अल्पकालिक एएसएम ढांचे से बाहर रखा जाएगा।
एनएसई और बीएसई ने आठ मार्च को प्रमुख फर्म अदाणी एंटरप्राइजेज सहित अदाणी समूह की तीन फर्मों को एएसएम ढांचे के तहत रखा था। एएसएम के तहत प्रतिभूतियों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए जो निर्धारित मापदंड हैं उनमें उच्च-निम्न भिन्नता, ग्राहक एकाग्रता, प्राइस बैंड हिट्स की संख्या, निकट-से-निकट मूल्य भिन्नता और मूल्य-अर्जन अनुपात शामिल हैं।
इसके अलावा, एनएसई ने कहा कि इन प्रतिभूतियों पर सभी मौजूदा डेरिवेटिव अनुबंधों पर एएसएम से पहले तय मार्जिन बहाल किया जाएगा। टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लिमिटेड (टीटीएमएल) का भी एक स्टॉक है जिसे एएसएम ढांचे से बाहर किया गया है। एक्सचेंजों ने गुरुवार को कहा कि मार्जिन की लागू दर 50 प्रतिशत या मौजूदा मार्जिन जो भी अधिक हो वह लागू होगी, लेकिन मार्जिन की अधिकतम दर 100 प्रतिशत के अंदर होगी।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इस ढांचे के तहत शेयरों को रखने का मतलब है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिए 100 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन की आवश्यकता होगी। शेयरों में उच्च उतार-चढ़ाव के दौरान निवेशकों को शॉर्ट-सेलिंग से बचाने के लिए एक्सचेंज शेयरों को शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म एएसएम फ्रेमवर्क में ले जाते हैं। इस बीच, अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध इकाइयों में से छह कंपनियों के शेयरों में गुरुवार को तेजी देखने को मिली।
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