सियोल । दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं के तोक्यो में शिखर वार्ता करने से कुछ ही घंटे पहले बृहस्पतिवार को उत्तर कोरिया ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण किया। यह उत्तर कोरिया द्वारा पिछले एक महीने में किया गया आईसीबीएम का पहला, जबकि किसी हथियार का तीसरा परीक्षण है। दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सैनिकों के संयुक्त सैन्य अभ्यास जारी रखने के बीच ये परीक्षण किए जा रहें है, जिन्हें उत्तर कोरिया आक्रमण का पूर्वाभ्यास बताता है।
दक्षिण कोरियाई सेना के अनुसार उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से सुबह करीब सात बजकर 10 मिनट पर प्रक्षेपित किए जाने के बाद उत्तर कोरियाई आईसीबीएम ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी जल क्षेत्र की ओर उड़ान भरी। बयान के मुताबिक आईसीबीएम ने कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच के जलक्षेत्र में उतरने से पहले करीब एक हजार किलोमीटर की दूरी तय की। अभी तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कौन-सा आईसीबीएम प्रक्षेपित किया गया। हालांकि, पहले के प्रक्षेपणों से स्पष्ट है कि उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइलों को मुख्य रूप से अमेरिका पर हमला करने के लिए बनाया गया है। पिछले कई प्रक्षेपणों में यह स्पष्ट रूप से दिखा था कि उत्तर कोरिया के हथियार अमेरिका की सरजमीं तक पहुंचने में सक्षम हैं।
वहीं, कुछ विदेशी विशेषज्ञों को अब भी संदेह है कि उत्तर कोरिया ने उन मिसाइलों पर रखे जाने के लिए बेहद छोटे ‘वॉरहेड’ बनाने और वायुमंडलीय क्षेत्र में फिर से दाखिल होने के दौरान ‘वॉरहेड’ की रक्षा करने की तकनीकों में महारत हासिल कर ली है। मिसाइल के आगे के हिस्से को ‘वॉरहेड’ कहते हैं, जिसमें विस्फोटक भरा होता है। इस बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बृहस्पतिवार को तोक्यो में शिखर वार्ता शुरू की। दोनों देशों के बीच एक दशक से अधिक समय के बाद पहली बार शिखर वार्ता हो रही है। किशिदा ने तोक्यो रवाना होने से पहले कहा था कि उत्तर कोरिया को लापरवाही भरे उकसावों की कीमत चुकानी पड़ेगी।
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