घर में सौभाग्य के लिए लगाये शमी का पेड़

प्राचीन मान्यता है कि शमी का पेड़ घर में सौभाग्य लाता है। शमी का पेड़ लगाने से उसमें रहने वालों पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और घर में सकारात्‍मक ऊर्जा के साथ सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। भगवान शिव को शमी के फूल अति प्रिय माने जाते हैं। रोजाना पूजा के वक्‍त उन्‍हें यह फूल अर्पित करने से भगवान प्रसन्‍न होते हैं और सभी प्रकार के संकटों से दूर रहते हैं। शमी का पेड़ आपको शनि के प्रकोप से भी बचाता है।
ईशान कोण में लगायें
शमी के पौधे को घर के ईशान कोण यानी पूर्वोत्‍तर कोने में लगाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इनमें प्राकृतिक तौर पर अग्नि तत्‍व भी छिपा होता है। न्‍याय के देवता शनि को प्रसन्‍न करने के लिए भी शमी के पेड़ का प्रयोग किया जाता है। हर शनिवार को शमी के पेड़ की जड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। वैसे तो शनि के प्रभाव में पीपल का वृक्ष भी आता है। परंतु पीपल के वृक्ष की विशालता के कारण इसे घर के अंदर लगा पाना संभव नहीं हो पाता है। इस कारण आप घर में शमी का पेड़ लगा सकते हैं।
नकारात्‍मक शक्तियों को समाप्त करता है
शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र, मंत्र बाधा और नकारात्‍मक शक्तियों के नाश के लिए होता है। शमी के फूल, पत्‍ते, जड़ें, टहनी और रस का प्रयोग शनि संबंधी दोषों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में शमी के वृक्ष का प्रयोग गुणकारी औषधि के रूप में भी किया जाता है। पुराणों में भी शमी के वृक्ष का वर्णन देखने को मिलता है। मान्‍यता है कि लंका पर विजय प्राप्‍त करने के बाद भगवान राम ने भी शमी के पेड़ की पूजा की थी। हर शनिवार शमी के पत्‍ते शनिदेव को चढ़ाने से शनि के दोष कम होते हैं।
भगवान शिव और गणेश को हैं प्रिय
मान्‍यता है कि शमी भगवान शिव और गणेश को भी अति प्रिय है। सोमवार के दिन भगवान शिव का शनि के पत्‍ते को पुष्‍प चढ़ाने से लाभ होगा। गृहस्‍थ लोगों के जीवन में सुख-शांति आती है। वहीं गणेशजी को बुधवार के दिन दूर्वा के साथ आप शमी के पुष्‍प अर्पित करके लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर में कभी पैसों की तंगी नहीं आती और मां लक्ष्‍मी का वास सदैव बना रहता है। एक मान्‍यता में यह भी बताया गया है कि पांडवों ने अज्ञातवास के वक्‍त शमी के पेड़ की जड़ में ही अपने अस्‍त्र-शस्‍त्र छिपा दिए थे, इसलिए शमी के पेड़ को इतना महत्‍वपूर्ण माना जाता है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.