चोरी की गईं धरोहरों को देश वापस लाने में मोदी सरकार को मिली बड़ी सफलता

दिल्ली । भारत से चोरी की गईं धरोहरों को वापस लाने में सरकार को एक और बड़ी सफलता मिली है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ऑस्ट्रेलिया से भगवान हनुमान और ईसा मसीह की मूर्तियां वापस लेकर आया है।भगवान हनुमान की मूर्ति तमिलनाडु के विष्णु मंदिर से 1961 में चोरी हुई थी जो 14-15 ईसवी की है। ईसा मसीह की मूर्ति गोवा से चोरी हुई थी। मूर्ति हाथी दांत की बनी है। भगवान हनुमान की मूर्ति को तमिलनाडु के मंदिर में ही स्थापित किया जाएगा।

भगवान हनुमान की मूर्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित वेल्लुर पोट्टावेली उदयरपालयम के श्री वरदराजा पेरुमल विष्णु मंदिर से चुराई गई थी। यह 14वीं-15वीं शताब्दी की है। यह वर्ष 1961 में चोरी हुई थी। अमेरिका सरकार ने भारतीय उच्चायुक्त को सौंपा था। सूली पर चढ़ाए क्राइस्ट की मूर्ति हाथी दांत से बनी है और गोवा की है। यह 18वीं शताब्दी की है।भारत सरकार पिछले सात साल में 200 से ज्यादा बहुमूल्य मूर्तियों को वापस लाई है।

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, हालैंड, फ्रांस, कनाडा व जर्मनी से भारत की मूर्तियां वापस लाई गई हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के समय भी उन्हें सांस्कृतिक महत्व की 157 मूर्तियां दी गई थीं।इससे पहले 2019 में भी देश के विभिन्न राज्यों से चोरी किए गए कई पुरावशेषों को वापस लाया गया था। सबसे अधिक पुरावशेष संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) व ऑस्ट्रेलिया से वापस लाए गए हैं। वापस लाईं मूर्तिंयों में मध्य प्रदेश से चोरी हुई पैरेट लेडी, जम्मू कश्मीर से दुर्गा महिषासुरमर्दिनी शामिल हैं।

 

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