मंदिर परिसर के पास लगी दुकानें हटाई गईं; दुकानदार बोले- 20 साल से थे, नोटिस तक नहीं दिया

छत्तीसगढ़| दो मार्च को जिला प्रशासन के अफसरों ने भोरमदेव महोत्सव की तैयारियों को लेकर भोरमदेव सनातन तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ दौरा किया था। इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति और परम्पराओं पर आधारित लोक कलाकारों को मंच देने का भी सुझाव भी दिए गए है। इसके अलावा महोत्सव में स्थानीय कलाकार से कार्यक्रम की प्रस्तुति देने आवेदन भी लिए गए हैं।

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम स्थित भोरमदेव मंदिर परिसर के आसपास लगी दुकानों को राजस्व विभाग ने रविवार को हटा दिया। यह कार्रवाई ऐसे समय की गई, जब भोरमदेव महोत्सव के लिए महज सात दिन बाकी रह गए हैं। इसे लेकर दुकानदारों में आक्रोश है। सोमवार को कलेक्टर से मिलने पहुंचे दुकानदार बोले कि वह करीब 20-25 साल से वहां दुकानें लगा रहे हैं। उन्हें हटाने के लिए विभाग की ओर से नोटिस तक नहीं दिया गया। हालांकि प्रशासन ने दूसरी जगह दुकानें देने की बात कही है, लेकिन दुकानदार इसके लिए तैयार नहीं हैं।

19 और 20 मार्च को है भोरमदेव महोत्सव 

दरअसल, प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के नाम से आयोजित होने वाले भोरमदेव महोत्सव इस बार 19 और 20 मार्च को होना है। यह 27वां भोरमदेव महोत्सव होगा। छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के स्थल भोरमदेव मंदिर की ख्याति को बढ़ाने प्रति वर्ष महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस मेले में करीब एक लाख से अधिक लोग पहुंचते है। ऐसे में इन दुकानदारों को आर्थिक फायदा होता है। दुकानदारों का कहना है कि मेला से एक हफ्ते पहले हटाने की कार्रवाई की जा रही है, जो गलत है। राजस्व विभाग ने उनकी दुकानों को तोड़ दिया है।

दुकानें ही आय का एकमात्र जरिया

कलेक्ट्रेट पहुंचे दुकानदार बालम गोस्वामी, रामसाय यादव,  विद्या यादव, सपना  ने बताया कि वे मंदिर परिसर के आसपास दुकान लगा रहे है। दुकान ही एकमात्र उनके आर्थिक जरिया है, जिसे बिना कोई नोटिस के हटाया जा रहा है। प्रशासन की ओर से उन्हें दूसरी जगह पर दुकान लगाने कहा जा रहा है। उन्हें ऐसी जगह पर भेजा जा रहा, जहां कोई आता-जाता नहीं। ऐसे में उन्हें नुकसान होगा। रविवार को राजस्व विभाग की टीम पहुंची हुई थी। अवैध अतिक्रमण बताकर कार्रवाई की गई। तोड़फोड़ किए जाने व दुकान को हटाने को लेकर कोई जानकारी तक नहीं दी गई। इस कारण दुकानदार नाराज हैं।

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