जिला न्यायालय के षष्ठम एडीजे सह पाक्सो स्पेशल न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने गुरुवार 23 फरवरी को एक आरोपी शिक्षक संजीत दास को बच्ची का अपहरण कर उसके साथ छह वर्षों तक दुष्कर्म करने के आरोप में साक्ष्य सही पाते हुए दोषी करार किया। मामले में सजा का निर्धारण 28 फरवरी को किया जायेगा।
अभियोजन पक्ष से स्पेशल पाक्सो पीपी जगत नारायण सिन्हा ने बहस तथा विचारण के दौरान 9 साक्षियों का परीक्षण किया था। घटना की प्राथमिकी महिला थाना में 8 जुलाई 2018 को पीड़िता की मां के फर्द बयान पर दर्ज हुई थी।
10 वर्ष की बच्ची को किया था अगवा
प्राथमिकी के अनुसार आरोपित संजीत दास अस्थावां थाना क्षेत्र का निवासी है तथा प्राथमिक मध्य विद्यालय में शिक्षक था। घटना के वक्त 2012 में पीड़िता की आयु दस वर्ष थी, जब एक दिन शाम में वह शौच के लिए गई थी। घर वापस लौटने के क्रम में आरोपित पीड़िता से रास्ते में मिला और उसका मुंह बंद कर गोद में उठाकर घर लेकर चला गया। पीड़िता के मां-पिता ने उसे तलाश करने की बहुत कोशिश की परंतु उसका कुछ पता नहीं चला। लोगों को शक न हो इसलिए आरोपित भी उसे खोजने के लिए इधर-उधर घूमता रहता था। थाने में जाने पर पीड़िता के परिवार से गुमशुदगी का आवेदन देने को कहा गया और उसके बाद पुलिस मामले को भूल गई। गरीब मां-पिता ने कुछ माह बाद संतोष कर लिया।
6 साल तक करता रहा दुष्कर्म, पीड़िता बनी 2 बच्चों की मां
इस बीच आरोपित पीड़िता को इधर-उधर बंधक बनाकर रखते हुए लगातार उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। शोर मचाने और विरोध करने पर वह पीड़िता को एसिड से चेहरा जला देने की धमकी भी देता रहता था। इस बीच पीड़िता दो बच्चों की मां बन गई।
आरोपित ने पीड़िता को नवादा में बहुत दिन से नवीनगर मोहल्ले के एक मकान में बंधक बनाकर रखा हुआ था। जब वह कहीं जाता तो बाहर से ताला बंद कर देता था। एक दिन वह मकान में ताला लगाना भूल गया, जिसका फायदा उठाकर पीड़िता वहां से भाग निकली और बदहवास हालत में अपने दो छोटे बच्चों को साथ लेकर 8 जुलाई 2018 को अपने घर पहुंच गई। उसने मां-पिता को जब सारी आपबीती सुनाई, तो उनके रोंगटे खड़े गए।
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