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राज्यसभा में सिर्फ 48 फीसद काम, सभापति नायडू नाराज, MPs से बोले- आत्मचिंतन करें

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। तय समय से एक दिन पहले शीतकालीन सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में सिर्फ 47.9 फीसद ही काम हो पाया। सभापति वेंकैया नायडू ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। नायडू ने सांसदों को सामूहिक रूप से चिंतन करने और व्यक्तिगत आत्मनिरीक्षण करने को कहा है।

नायडू ने सदन के कामकाज पर चिंता और नाखुशी जाहिर की। उन्होंने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि सांसद सामूहिक रूप से चिंतन और व्यक्तिगत रूप से आत्मनिरीक्षण करें कि सत्र किस तरह से गुजरा है। नायडू ने कहा, ‘सदन का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो रहा है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी नहीं हो रही है कि सदन ने अपनी क्षमता से बहुत कम काम किया है। मैं आप सभी से सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से चिंतन करने और आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह करता हूं कि क्या यह सत्र अलग और बेहतर हो सकता था।’

उन्होंने आगे कहा मैं इस सत्र को लेकर विस्तार से नहीं बोलना चाहता क्योंकि इसमें मुझे एक बहुत ही आलोचनात्मक दृष्टिकोण दिख सकता है। सदन के कामकाज को लेकर आंकड़ें जारी कर दिए जाएंगे।

राज्यसभा में हुआ 47.90 फीसद काम

राज्यसभा की 18 बैठकों में सिर्फ 47.90 फीसद ही काम हो पाया। कुल निर्धारित बैठकों के 95 घंटे 6 मिनट में से सदन में केवल 45 घंटे 34 मिनट के लिए काम हुआ। बीते चार वर्षों में वेंकैया नायडू की अध्यक्षता वाले 12 सत्रों में सबसे कम कामकाज के मामले में ये पांचवें नंबर पर रहा।

बर्बाद हुए 49 घंटे

इस सत्र में व्यवधानों और जबरन स्थगन के कारण 49 घंटे 32 मिनट बर्बाद हो गए। इस तरह उपलब्ध समय का 52.08 फीसद हिस्सा बर्बाद हो गया। इसमें प्रश्नकाल सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। इसके अलावा राज्यसभा ने इस सत्र में 10 बिल पास भी किए।

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