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न गुरुग्राम, न बेंगलुरु… भारत का यह जिला है सबसे अमीर, ऐसा क्या है खास?

भारत में कई जिले लगातार आर्थिक प्रगति कर रहे हैं. ये जिले देश की जीडीपी में भी अहम योगदान देते हैं. इनमें से एक है तेलंगाना का रंगारेड्डी जिला, जिसने गुरुग्राम को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे अमीर जिला बना है. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुताबिक, रंगारेड्डी जिला प्रति व्यक्ति आय के मामले में शीर्ष पर पहुंच गया है.

रंगारेड्डी जिले की प्रति व्यक्ति जीडीपी 11.46 लाख रुपये आंकी गई है. यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि देश के विभिन्न हिस्सों में अब केवल पारंपरिक मेट्रो शहर ही नहीं, बल्कि नए क्षेत्र भी आर्थिक रूप से मज़बूत होकर उभर रहे हैं.

रंगारेड्डी कैसे बना सबसे अमीर?

रंगारेड्डी की इस कामयाबी का श्रेय मुख्य रूप से उसके डेवलप आईटी कॉरिडोर, विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी पार्क और मज़बूत फार्मा इंडस्ट्री को जाता है. हैदराबाद से सटे इस ज़िले में बड़े पैमाने पर आईटी कंपनियों और फार्मा दिग्गजों ने निवेश किया है. यहां मौजूद हाई-टेक सिटी और फार्मा हब ने हजारों लोगों को रोजगार दिया है.

तेजी से बढ़ते रोजगार अवसरों और निवेश ने इस क्षेत्र को न सिर्फ़ युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया है, बल्कि देश-विदेश से स्किल्ड प्रोफेशनल युवाओं को भी यहां खींचा है. टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर जैसे फ्यूचर सेंट्रीक सेक्टरों पर फोकस ने रंगारेड्डी को देश के आर्थिक मानचित्र पर सबसे आगे खड़ा कर दिया है.

गुरुग्राम और बेंगलुरु से कॉम्पिटिशन

हालांकि, रंगारेड्डी ने गुरुग्राम को पीछे छोड़ दिया है, मगर गुरुग्राम अब भी भारत में सूचना प्रौद्योगिकी, बिजनेस और स्टार्टअप इकोसिस्टम का अहम केंद्र है. दूसरी ओर, बेंगलुरु को देश की सिलिकॉन वैली कहा जाता है और वहां भी आईटी सेक्टर की पकड़ मज़बूत है. इन दोनों शहरों का इन्फ्रास्ट्रक्चर, विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी और स्किल्ड वर्कफोर्स उन्हें भारत की आर्थिक धुरी बनाए हुए हैं. यानी भले ही रंगारेड्डी ने सबसे अमीर जिले का तमगा हासिल कर लिया हो, लेकिन गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसी जगहों से कॉम्पिटिशन लगातार बनी रहेगी. गुरुग्राम की प्रति व्यक्ति जीडीपी 9.05 लाख रुपये है, वहीं बेंगलुरु की प्रति व्यक्ति जीडीपी 8.93 लाख रुपये है.

रंगारेड्डी का शीर्ष पर पहुंचना इस बात का संकेत है कि भारत के विकास की दिशा अब केवल चुनिंदा महानगरों तक सीमित नहीं है. आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह जिला अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को कैसे बनाए रखता है.

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