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उत्तराखंड

मुंह में कीचड़, गले में घुसे पत्थर, पसलियां टूटकर फेफड़ों तक पहुंचीं… धराली हादसे ने दिए ऐसे घाव; दिल में बैठी दहशत

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली गांव के लिए मंगलवार का दिन मौत का सैलाब लेकर आया. दोपहर के वक्त अचानक बादल फटा और पानी के साथ आए मलबे से हर तरफ चीख-पुकार मच गई. धराली गांव में आई इस तबाही में 6 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. मलबे ने पूरे गांव को जमींदोज कर दिया. कई लोगों को मलबे से निकाल लिया गया है और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

धराली गांव तबाही से पहले कैसा दिखता था और तबाही के बाद कैसा दिखता है. ISRO ने इसकी सैटेलाइट तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें गांव की तबाही का मंजर साफ देखा जा सकता है. धराली में हुई इस त्रासदी में जो लोग घायल हुए. वह अभी भी सदमे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. अपनी आंखों के सामने मौत को देखकर उनके दिलों में दहशत बैठ गई है. कम से कम एक दर्जन घायल, जिनमें ग्रामीण और सेना के जवान शामिल हैं. वह उत्तराखंड के अस्पतालों में भर्ती हैं. देहरादून के हायर सेंटर में रेफर किए गए घायलों में एक लेफ्टिनेंट कर्नल का नाम भी शामिल है, जिनके बाएं पैर में फ्रैक्चर आया और साथ ही और भी चोट लगीं. उनका मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.

“पसलियां टूटकर फेफड़ों तक पहुंचीं”

इसके अलावा एम्स ऋषिकेश में भर्ती एक मरीज न्यूमोथोरैक्स से पीड़ित है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है. मरीज की पसलियां टूट कर उसके फेफड़ों में घुस गईं. ऐसे मरीज को सांस लेने में भी परेशानी होती है. घायलों में वह लोग भी शामिल हैं, जो रेस्क्यू ऑपरेशन टीम का हिस्सा थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वह कीचड़ में बह गए. पानी, पत्थरों और गाद की वजह से वह लगभग 150 मीटर दूर जा गिरे, जिससे वह घायल हो गए.

एम्स और उत्तरकाशी के डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए कहा कि ज्यादातर लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. कुछ को छाती पर, कुछ को सिर पर, कुछ को पैरों पर चोट लगी हैं. उत्तरकाशी के डॉक्टरों ने कहा कि कुछ मरीज़ों के फेफड़ों, गले और घावों में से रेत और छोटे-छोटे पत्थर निकाले गए, जिन्हें देखकर वह भी हैरान रह गए. उत्तरकाशी ज़िला अस्पताल के पीएमएस डॉक्टर प्रेम पोखरियाल ने बताया कि यहां सभी मरीजों की हालत अब नॉर्मल है. उनकी सर्जरी के दौरान हमने उनके मुंह और चोटों से कीचड़, कंकड़ और गाद निकाली.

‘हम देखते रह गए कुछ नहीं कर पाए’

अमृतसर के एक मरीज अमरदीप जो एक सड़क निर्माण मज़दूर हैं और पिछले चार सालों से उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम रेस्क्यू ऑपरेशन की दूसरी टीम में हर्षिल से धराली की ओर पैदल जा रहे थे. क्योंकि सड़कें ब्लॉक थीं. तभी अचानक बादल फटने की घटना हुई. हम लगभग 20 लोग थे. पानी हमें बहा ले गया और हम देखते रहे, लेकिन कुछ नहीं कर पाए.

मानसिक तनाव में हैं सभी मरीज

उत्तरकाशी उपचार दल की मनोचिकित्सक डॉक्टर प्रिया त्यागी ने कहा कि मरीज बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में हैं. इस घटना ने उन्हें हिलाकर रख दिया है. इनमें कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जो समझ ही नहीं पा रहे हैं कि उनके साथ क्या हुआ है. वह डरे हुए और दुखी हैं, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं. वह धीरे-धीरे इससे बाहर आ रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि 13 लोगों को भर्ती कराया गया है और पांच को देहरादून रेफर किया गया है. तीन को एम्स और दो को मिलिट्री अस्पताल भेजा गया है. एक की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि बाकियों की हालत ठीक है.

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