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अनिल अंबानी की और बढ़ सकती हैं मुश्किलें, लगातार एक्शन मोड में है ED

अनिल अंबानी के ऑफिस में लगातार तीसरे दिन ED की छापेमारी जारी है. 3000 करोड़ से ज्यादा के मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच में कार्रवाई तेज कर दी है. उद्योगपति अनिल अंबानी के घर,दफ्तर,और अलग अलग जगहों पर आज भी प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है. पिछले 48 घंटों से लगातार उनके कार्यालयों और ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है, गुरुवार सुबह करीब 7 बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई आज शनिवार को भी जारी है.

सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (RAAGA) के मुंबई स्थित प्रमुख दफ्तरों पर की जा रही है. यह कार्रवाई 3000 करोड़ रुपये से अधिक के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी बताई जा रही है. हालांकि, कुछ अधिकारियों का यह भी दावा है कि इस घोटाले की रकम 24 हजार करोड़ तक पहुंच सकती है.

ईडी की टीमें लगातार रिलायंस ग्रुप से जुड़े दस्तावेजों की जांच, डिजिटल डेटा की स्कैनिंग और ट्रांजैक्शन से संबंधित बहीखातों की छानबीन कर रही हैं. अनिल अंबानी की फाइनेंशियल डीलिंग्स से जुड़े कई पुराने मामले भी अब जांच के दायरे में लाए जा रहे हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर ED को विदेशी निवेश, कर्ज की रकम के इस्तेमाल और संबंधित कंपनियों की गतिविधियों पर शक है. ईडी की इस कार्रवाई ने देश की कारोबारी और राजनीतिक दुनिया में हलचल मचा दी है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.

ग्रुप ने आरोपों से किया इनकार

ED की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लगभग ₹3000 करोड़ के ऋण का कथित रूप से दुरुपयोग हुआ. जांच में यह भी सामने आया है कि लोन स्वीकृत होने से ठीक पहले यस बैंक के प्रमोटरों के विभिन्न कंपनियों को धनराशि मिली थी. रिलायंस ने अपने पक्ष में कहा कि रिलायंस होम फायनेंस लिमिटेड (RHFL) द्वारा यस बैंक के प्रमोटर से जुड़ी निजी कंपनियों को जो लोन दिए गए थे, वे पूरी प्रक्रिया के तहत, क्रेडिट कमेटी की स्वीकृति के बाद दिए गए थे. ये सभी लोन पूर्ण रूप से सुरक्षित थे और उन्हें मूलधन और ब्याज सहित पूरी तरह चुका दिया गया है. वर्तमान में कोई बकाया नहीं है.

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