माता-पिता मुझे सोशल मीडिया नहीं चलाने देते… कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंची बच्ची

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में एक नाबालिग ने अपने माता-पिता की लिखित शिकायत कलेक्टर से कर दी. नाबालिग ने कलेक्टर से कहा कि उसके माता-पिता उसको सोशल मीडिया नहीं चलाने देते. नाबालिग ने कलेक्टर को ये शिकायत जनसुनवाई के दौरान दी. इंदौर में मंगलवार को इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने जनसुनवाई की. इसमें उन्होंने लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में जाना.
इस जनसुनवाई में 250 आवेदक पहुंचे. जनसुनवाई के दौरान इंदौर कलेक्टर के पास दो कैंसर पीडित मरीज भी पहुंचे. कलेक्टर ने उनके लिए 50-50 हजार की सहायता राशि मंजूर की. कलेक्टोरेट ऑफिस मे काम करने वाली एक कर्मचारी ने बताया कि उनके पिता कैंसर से पीड़ित हैं. पिता का इलाज भोपाल में हो रहा है. कलेक्टर को जब पूरे मामले का पता चला तो उन्होंने कर्मचारी को अतिरिक्त सहायता का भी आश्वासन दिया.
जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने रखी बात
इस जनसुनवाई में ग्रीन पार्क रहवासी संग के पीड़त भी पहुंचे और प्लॉट को लेकर अपनी बात कलेक्टर के सामने रखी. एक अन्य शिकायत मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को संबोधित करते हुए गोपाल राव ने की. उन्होंने कलेक्टर को बताया कि अपर आयुक्त कोर्ट के आदेश के विरुद्ध वसूली का आदेश निकाल दिया गया. पहले इसकी जांच एसडीएम कर रहे थे. अब नीधि वर्मा कर रही हैं.
ज्यादातर आवेदन, प्लॉट संपत्ति और पारिवारिक विवाद के
62 साल के राव ने कलेक्टर को बताया कि सरकारी निलामी में ली गई संपत्ति का आदेश पहले ही उनके पक्ष में आ चुका है. जनसुवाई में कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि वो आवेदकों की शिकायतों पर गंभीरता पूर्वक विचार करके तत्काल उसका निपटारा करें. कलेक्टर के पास जनसुवाई के दौरान आने वाले ज्यादातर आवेदन प्लॉट संपत्ति और पारिवारिक विवाद से संबंधित थे.
कलेक्टर ने कई मामलों का मौके पर किया निपटारा
कलेक्टर ने कई मामलों का निपटारा तो मौके पर ही कर दिया. वहीं ऐसे मामले जिनका मौके पर निपटारा संभव नहीं था उनको तय समय सीमा में निपटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिन मामलों का निपटारा मौके पर नहीं हो पाया उनको सीएम हेल्प लाइन में दर्ज किया जाए और तय समय सीमा में उनका समाधान किया जाए.
बता दें कि कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को इस जनसुनवाई के दौरान उपस्थित रहने के आदेश दिए थे. इसके बाद भी जिला शिक्षाधिकारी सुषमा वैश्य जनसुनवाई में उपस्थित नहीं थीं. इस पर कलेक्टर ने उनको सस्पेंड करने की अनुशंसा संभागयुक्त दीपक सिंह से कर दी. संभागयुक्त ने तुरंत जिला शिक्षाधिकारी के निलंबन के आदेश जारी कर दिए.