PM मोदी की रैली के बाद विधानसभा क्षेत्रों में कराया आंतरिक सर्वे

नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। गुरुवार की शाम को चुनाव प्रचार थम गया। ऐसे में देखा गया कि भाजपा का पूरा फोकस अंतिम समय में चुनावी माइक्रो मैनेजमैंट पर है। गृह मंत्री अमित शाह और यू.पी. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों ने जहां दिल्ली के चुनावी माहौल को बदलने का काम किया, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों के बाद माहौल भाजपा के पक्ष में बनता दिखने लगा है। इस दावे के पीछे पार्टी का आंतरिक सर्वे है, जो दिल्ली में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के ठीक बाद दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में करवाया गया था। इस सर्वे के नतीजों के आधार पर कहा जा रहा है कि शाहीन बाग, सॢजकल स्ट्राइक, बाटला हाऊस जैसे मुद्दों पर मोदी ने जिस तरह खुल कर अपनी बात सामने रखी है, उसका लोगों पर काफी असर पड़ता दिख रहा है।
वहीं देश भर में विपक्ष के विरोध के बाद संसद में एन.पी.आर. व एन.आर.सी. पर स्थिति स्पष्ट करने का असर भी दिख रहा है तो अंतिम समय में भाजपा ने पूरी ताकत व हर दाव चलने के साथ राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा तक कर दी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी की रैली से पहले जितने भी सर्वे कराए गए थे उनमें भाजपा दिल्ली में ‘आप’ को टक्कर देती तो दिख रही थी लेकिन नतीजे ‘आप’ के ही पक्ष में झुकते दिख रहे थे, लेकिन पहले योगी आदित्यनाथ और फिर मोदी की रैलियों के बाद से मुकाबला कांटे का हो गया है और नतीजे अब भाजपा के पक्ष में झुकते नजर आने लगे हैं। सबसे खास यह है कि सर्वे में कई सीटों पर कांग्रेस बाजी मारती नजर आ रही है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा को जहां 27 सीटें मिलती दिख रही हैं वहीं ‘आप’ को 26 और कांग्रेस को 8 से 9 सीटें मिलती दिख रही हैं जबकि बाकी की सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा देखने को मिल रहा है और नतीजे किसी के भी पक्ष में जा सकते हैं।
पार्टी एक दर्जन सीटों पर तीसरे नंबर पर
सर्वे में भाजपा के लिए सबसे चिंताजनक जो बात सामने आई है वह यह है कि करीब एक दर्जन सीटों पर पार्टी तीसरे नम्बर पर बताई जा रही है जिनमें मुस्लिम बहुल इलाके, कुछ रिजर्व सीटें और कुछ ऐसी सीटें जहां ‘आप’ के बड़े नेता मैदान में हैं, शामिल हैं। ऐसे में इन सीटों पर मुकाबला काफी कड़ा रहने की उम्मीद है। जिसके लिए अंतिम दिनों में पार्टी ने उन इलाकों में और ज्यादा काम करने की कोशिश की जहां थोड़ी-सी मेहनत और करने से परिणाम भाजपा के पक्ष में आने की उम्मीद बन सकती है। इसी परिपेक्ष्य में जिस तरह भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण करती आ रही है, अंतिम समय में राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा कर ङ्क्षहदू मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया। अब देखना होगा कि यह अंतिम समय में किया प्रयास कितना सार्थक साबित होता है।