ब्रेकिंग
शादी का कार्ड छपवाकर लौट रहा था युवक, अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, शादी से एक महीने पहले मौत दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों के लिए इंदौर से चलेगी भारत गौरव ट्रेन, यहां देखें पूरी डिटेल्स जबलपुर में भीषण सड़क हादसा, अनियंत्रित होकर हाईवे पर पलटी तेज रफ्तार कार, पति-पत्नी की मौत फैक्ट्री में घुसते ही चक्कर खाकर गिर गया मजदूर, हुई मौत CM साय ने बस्तर संभाग में की विकास कार्यों की समीक्षा, जनकल्याणकारी योजनाओं के तेज़ी से क्रियान्वयन ... दिग्विजय सिंह बोले- गांधी परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं, सीएम बोले- कानून सबके लिए बराबर केसरी 2 से अक्षय कुमार बॉक्स ऑफिस पर करेंगे चमत्कार…? चार साल से नहीं दी एक भी ब्लॉकबस्टर मूवी पंजाब किंग्स के खिलाफ KKR ने की चीटिंग? अंपायर ने मैदान पर पकड़ी ये गलती, टेस्ट में 2 खिलाड़ी फेल सीधे 1100 रुपये बढ़ा सोने का दाम! 94000 पार कर रिकॉर्ड हाई पर पहुंची 10 ग्राम की कीमत Instagram-Facebook ही नहीं Snapchat से भी करें कमाई, ये है तरीका
मध्यप्रदेश

नहीं हुई कोरोना वैरिएंट की जांच शुरू, बढने लगे मरीज

भोपाल । प्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना की जांच तो हो रही है लेकिन वैरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल अब भी भोपाल और अन्य शहरों को भेजना पड़ रहे हैं। उधर जांच नहीं होने कोराना वायरस संक्रमण एक बार फिर बढने लगा है। इंदौर शहर में करीब डेढ दर्जन मरीज कोरोना के पाए गए हैं। ऐसा नहीं है कि इंदौर के किसी सरकारी अस्पताल में वैरिएंट के जांच के लिए मशीन नहीं है। मशीन तो चार माह पहले ही इंदौर पहुंच चुकी है लेकिन इसे अब भी अपने औपचारिक उद्घाटन का इंतजार है। मशीन स्थापित भी हो गई और संचालन के लिए डाक्टरों की ट्रेनिंग पूरी हो गई लेकिन रिएजेंट नहीं होने से जांच शुरू नहीं हो पा रही। किसी भी वायरस के अलग-अलग वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन की मदद ली जाती है। इंदौर के किसी भी सरकारी संस्थान में यह मशीन उपलब्ध नहीं थी। विश्व स्वास्थ संगठन के प्रयास से इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज को यह मशीन उपलब्ध हुई। मशीन नवंबर के दूसरे पखवाड़े में ही इंदौर पहुंच चुकी थी, लेकिन लंबे समय तक इसे स्थापित नहीं किया जा सका। दरअसल एनसीडीसी की टीम ने करीब दो माह पहले मशीन स्थापित कर दी थी लेकिन डाक्टरों की ट्रेनिंग नहीं हो पाने की वजह से मशीन शुरू नहीं हो सकी। बाद में मेडिकल कालेज ने इंदौर से चार डाक्टरों को ट्रेनिंग के लिए भेजा। अब डाक्टर की ट्रेनिंग के बाद मेडिकल कालेज इस मशीन को चलाने के लिए रिएजेंट की रास्ता देख रहा है। मेडिकल कालेज प्रबंधन का कहना है कि रिएजेंट मिलते ही हम जांच शुरू कर देंगे। इस बारे में एमजीएम मेडिकल कालेज इंदौर के डीन डा. संजय दीक्षित का कहना है कि हमने एनसीडीसी को पत्र लिखकर रिएजेंट उपलब्ध कराने के लिए कहा है। रिएजेंट मिलते ही हम वैरिएंट की जांच इंदौर में शुरू कर देंगे।

Related Articles

Back to top button