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अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज भी साथ काम करते हैं एक दूसरे के प्रबल प्रतियोगी रूस और अमेरिका

वाशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच 11 माह से जारी युद्ध ने किसी न किसी रूप में दुनिया के कमोबेश सभी देशों को प्रभावित किया है। यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका और रूस के बीच ठन गई है। रूसी सैनिक यूक्रेन के शहरों पर गोलाबारी कर रहे हैं। अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन एक क्षेत्र ऐसा है जहां दोनों आज भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में दोनों साथ मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले अंतरिक्ष यानों में यात्रा के लिए समझौता किया है।

सोयूज अंतरिक्ष यान को पिछले साल एक माइक्रोमीटरोराइड हिट के कारण अपूरणीय क्षति के बाद दोनों देश संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने के लिए एक मिशन की योजना बना रहे हैं। दो रूसी कॉस्मोनॉट्स और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री को वाहन पर लौटने के लिए निर्धारित किया गया था जो अब खाली वापस आएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और रूस की एजेंसी रोस्कोस्मोस इस चुनौती से मिलकर लड़ रहे हैं। बीते दिनों यह खबर भी सामने आई थी कि अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एलन मस्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स की मदद भी ली जा सकती है। हालांकि अब एक और सोयूज को लॉन्‍च करने पर फैसला होता हुआ दिख रहा है।
ये तीनों अब सोयूज एमएस-23 पर सवार होकर पृथ्वी पर लौटेंगे। इसका मतलब है कि आईएसएस के लिए एक नया स्‍पेसक्राफ्ट लॉन्‍च किया जाएगा। रोसकोस्मोस ने बताया है कि सोयुज एमएस-23 स्‍पेसक्राफ्ट को अनमैंड मोड में 20 फरवरी को लॉन्‍च किया जाएगा। हालांकि रूसी इंजीनियरों का मानना ​​है कि कैप्सूल पुनः प्रवेश और सुरक्षित रूप से भूमि से बच सकता है केबिन का तापमान उच्च आर्द्रता के साथ कम 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है क्योंकि यह कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा उत्पन्न गर्मी को बहा नहीं सकता है।

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