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मध्यप्रदेश

गंदे पानी को बोतल और पाउच में भरकर बेच रहे थे बाजार में

भोपाल । राजधानी में साफ पानी के नाम पर गंदा पानी बोतल एवं पाउच में भरकर बाजार में बेचा जा रहा था। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाइसेंस लेकर पानी का कारोबार किया जा रहा था। पानी पैक करने की इस अवैध फैक्ट्री से पानी के दो नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। वहीं खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने फैक्ट्री के संचालक और मैनेजर के खिलाफ कटारा हिल्स थाने में एफआइआर दर्ज करवाई है। पुलिस के मुताबिक खाद्य खाद्य सुरक्षा प्रशासन के सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि गुरुवार शाम पांच बजे वह अपनी टीम के साथ ग्राम रापड़िया स्थित मेसर्स आनेस्ट पीपल ब्रेवरेज कंपनी का निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां फैक्ट्री के मैनेजर आशीष भारती मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में पैक किए गए पानी के पाउच (टेस्टी एंड हेल्दी) का निर्माण फ्लेवर्ड वाटर लेवल के साथ किया जा रहा था। पाउच के लेवल पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) सर्टिफिकेट अंकित नहीं किया गया था। इस संबंध में जब मैनेजर आशीष से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि नवीनीकरण के लिए आवेदन किया गया है। इसी आवेदन पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा उनको अनुमति दी है। जिसके लिए बीआइएस सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती है। फैक्ट्री के संचालक ने प्रशासन को गलत जानकारी देकर लाइसेंस लिया था। फैक्ट्री द्वारा पीने के पानी के पाउच और बोतल बिना बीआइएस सर्टिफिकेट के बनाए जा रहे थे। इससे फैक्ट्री के संचालक रमन बनारथ द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। साथ ही फैक्ट्री के मैनेजर आशीष भारती द्वारा संचालन कर उनका सहयोग किया जा रहा था। पुलिस ने खाद्य सुरक्षा प्रशासन की शिकायत पर दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत प्रकरण दर्ज किया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो का सर्टिफिकेट लेने के लिए विभिन्न नियमों का पालन करना पड़ता है। जिनमें खाद्य पदार्थ को सुरक्षित रखने के लिए अनेक प्रक्रियाओं का पालन एवं प्रयोग शाला स्थापित करनी पड़ती है। उक्त फैक्ट्री में ऐसी किसी भी व्यवस्था का संचालन नहीं किया जा रहा था। इस वजह से फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। इस बारे मं कटारा हिल्स थाना प्रभारी सुरेश कुमार मीणा का कहना है कि खाद्य सुरक्षा प्रशासन की शिकायत पर फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फैक्ट्री संचालक के दस्तावेजों की जांच की जाएगी और अन्य साक्षियों के बयान लिए जाएंगे। इसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई करेंगे।

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