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जे पी नड्डा भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त

नई दिल्ली। गृहमंत्रालय के साथ साथ पार्टी अध्यक्ष का पद संभाल रहे अमित शाह की व्यस्तता को देखते हुए अब जेपी नड्डा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। नया चुनाव होने तक अध्यक्ष पद पर शाह बने रहेंगे। हालांकि यह भी तय माना जा रहा है कि दिसंबर -जनवरी में सांगठनिक चुनाव के बाद नड्डा औपचारिक रूप से अध्यक्ष चुने जाएंगे।

दैनिक जागरण ने पिछले बुधवार को जानकारी दी थी कि कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की जरूरत महसूस हुई तो संसदीय बोर्ड इस बाबत फैसला लेगा। सोमवार को यह तय हो गया। अमित शाह की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत दूसरे सदस्यों की मौजूदगी में नड्डा के नाम पर मुहर लग गई।

राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अमित शाह ने पांच साल तक बहुत ही सफलता से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली और जीत सुनिश्चित किया। संसदीय बोर्ड चाहता था कि सांगठनिक चुनाव होने तक वह अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालते रहें, लेकिन खुद शाह की ओर से संसदीय बोर्ड में कार्यकारी अध्यक्ष का प्रस्ताव दिया गया।

उन्होंने प्रस्ताव किया कि सरकार के कामकाज की व्यस्तताओं के कारण पार्टी के दैनिक कामकाज के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएं। उन्होंने ही नड्डा का नाम प्रस्तावित किया और सभी ने उस पर मुहर लगा दी। यह पहली बार हो रहा है कि भाजपा में कोई कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। दरअसल सांगठनिक चुनाव अब महज कुछ महीने दूर है। अगले महीने से पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू होने वाला है और उसके बाद प्रदेशों में संगठन चुनाव की शुरूआत होगी। आधे से अधिक राज्यों में चुनाव संपन्न हो जाएगा तो राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव कराया जा सकता है।

गौरतलब है कि नड्डा को नया अध्यक्ष बनाए जाने की अटकल तभी से लगने लगी थी जब उन्हें मंत्रिमंडल से दूर रखा गया था। नड्डा प्रधानमंत्री और शाह दोनों के विश्वस्त माने जाते हैं। उनकी सांगठनिक कुशलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछली सरकार में मंत्री रहते हुए भी उन्हें न सिर्फ संगठन के कामकाज दिए जाते थे बल्कि संसदीय बोर्ड में सचिव का प्रभार भी उन्हें ही दिया गया था।

नड्डा का लंबा राजनीतिक सफर रहा है। 1983-84 में नड्डा हिमाचल प्रदेश में एबीवीपी का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले अध्यक्ष बने थे। वह हिमाचल सरकार में मंत्री भी रहे और पिछली मोदी सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री थी। 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें उसी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया जहां 2014 में अमित शाह ने कमल खिलाया था। इस बार उत्तर प्रदेश में महागठबंधन होने के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा था।

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