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Jharkhand: ₹1,53,00,000 की ठगी… शख्स ने कैसे गंवा दी जीवन भर की कमाई? तेलंगाना-UP से शातिर ‘नटवरलाल’ अरेस्ट

आधुनिक दौर में साइबर अपराध देश के लिए गंभीर चुनौती बन गया है. साइबर ठग अब पुराने तरीकों को छोड़कर बेहद आधुनिक और चौंकाने वाले हथकंडे अपना रहे हैं. खासकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को संपर्क कर निवेश पर 5 से 10 गुना तक मुनाफा देने का झांसा देकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. इसी तरह का एक मामला रांची सीआईडी के साइबर क्राइम थाना ने उजागर किया है. एक शख्स के साथ साइबर अपराधियों ने 1.53 करोड़ रुपए की ठगी की.

इसी साल 20 मई 2025 को साइबर थाने की पुलिस को एक शख्स ने बताया कि उसे व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया गया और निवेश करने का लालच दिया गया. इसके बाद उन्हें कुछ लिंक भेजे गए. इसी लिंक के जरिए निवेश करने पर रकम कई गुना करने का प्रलोभन दिया गया और 1,53,83,118 रुपये की ठगी की गई.

अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा करवाए

जांच के दौरान पता चला कि ठगों ने शिकायतकर्ता से अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा करवाए. पुलिस ने अब कार्रवाई करते हुए तेलंगाना के करीमनगर निवासी ऐरा लक्ष्मा रेड्डी को गिरफ्तार किया है. इससे पहले इसी मामले में उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी मोहम्मद आसिफ को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है.

जांच में यह भी सामने आया कि इस गिरोह की ओर से उपयोग किए गए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एक खाते में सिर्फ दो दिनों के भीतर ही 58 लाख रुपये जमा हुए थे. गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार, इस खाते से जुड़े देशभर में 11 मामले दर्ज हैं, जिनमें कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और झारखंड शामिल हैं.

झारखंड सीआईडी ने आम जनता से की ये अपील

  • सोशल मीडिया (WhatsApp/Instagram/अन्य एप) पर आने वाले निवेश संबंधी विज्ञापन लिंक पर क्लिक न करें.
  • किसी अनजान लिंक से रजिस्ट्रेशन न करें और न ही बैंक/यूपीआई खाते में पैसे ट्रांसफर करें।
  • निवेश हमेशा सरकार द्वारा अधिकृत एप्लीकेशन पर ही करें और पूरी जानकारी लेने के बाद ही आगे बढ़ें।
  • अगर किसी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत शिकायत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट [https://wwwcybercrimegovin](https://wwwcybercrimegovin) पर दर्ज करें.

इससे पहले भी सीआईडी, झारखंड ने निवेश से जुड़े साइबर अपराधों का बड़ा खुलासा किया था. उस कार्रवाई में म्यूल बैंक खातों के जरिए करीब ₹30 करोड़ की धोखाधड़ी पकड़ी गई थी. रांची समेत लोहरदगा, सिमडेगा, पलामू, कोडरमा और जामताड़ा जिलों में छापेमारी कर 7 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था.

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