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मुंगेर के जिस खानकाह रहमानी जाकर मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिले राहुल और तेजस्वी, वो सेंटर है इंजीनियरों की खान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव मिलकर बिहार में वोटर अधिकार यात्रा कर रहे हैं. शुक्रवार को इस यात्रा का छठा दिन है. राहुल गांधी का काफिला मुंगेर के जमालपुर पहुंचा है. इस दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव खानकाह रहमानी के मौलाना से मुलाकात करने पहुंचे. करीब 20 मिनट तक ये मुलाकात चली.

जिस खानकाह रहमानी जाकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने मौलाना से मुलाकात की. उस खानकाह का लंबा इतिहास है. यह खानकाह 1901 में मौलाना मोहम्मद अली मुंगरी ने स्थापित की थी. तब से यह केंद्र सिर्फ सामाजिक सुधार का ही केंद्र नहीं रहा बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों की मदद भी करता रहा. साथ ही अब यह इंजीनियरों की खान बन गया है.

महात्मा गांधी से लेकर नेहरू तक पहुंचे

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ऐसे पहले नेता नहीं हैं जो इस खानकाह में गए हैं. बल्कि यहां महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, अबुल कलाम आजाद और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे लीडर्स भी आकर रुके हैं. राहुल गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी इस खानकाह का दौरा कर चुके हैं. इसके अलावा ऐसे कई नेता हैं जो इस खानकाह में जा चुके हैं.

अहमद वली फैसल रहमानी करते हैं संचालन

अली मुंगरी के बाद मौलाना सैयद शाह लुत्फुल्लाह रहमानी, उनके भतीजे ने इस केंद्र का संचालन किया. इसके बाद मिनतुल्लाह रहमानी, फिर उनके बेटे मोहम्मद वली रहमानी और अब उनके बेटे अहमद वली फैसल रहमानी इस खानकाह का संचालन कर रहे हैं. इस खानकाह ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई है, जो मुसलमानों के व्यक्तिगत कानूनों और पहचान की रक्षा करता है.

JEE से लेकर NEET तक की कराई जा रही तैयारी

खानकाह में न सिर्फ छात्रों को कुरान पढ़ाया जा रहा है. न सिर्फ दीन और इस्लाम की तालीम दी जा रही है. ब्लकि साइंस, इंग्लिश और गणित भी पढ़ाई जा रही है. छात्रों को JEE और NEET जैसे एंट्रेंस एग्जाम के लिए तैयार किया जा रहा है.

जामिया रहमानी, जो 1927 में स्थापित हुई, खानकाह रहमानी की चैरिटी संस्था रहमानी फाउंडेशन की ओर से चलाई जा रही कई केंद्रों में से एक है. यहां बच्चों को तकनीक से जोड़े रखने के लिए बेहतर शिक्षा के लिए टैबलेट भी दिया जाता है. इसके अलावा, छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासेस की सुविधा भी उपलब्ध है.

खानकाह में रहमानी 30 प्रोग्राम चलाया जाता है. हेड अहमद वली फैसल रहमानी के भाई फहद रहमानी इस रहमानी प्रोग्राम ऑफ एक्सीलेंस के सीईओ हैं, जिसके तहत रहमानी 30 चलाया जाता है. रहमानी 30 JEE Advanced (IIT) और JEE Mains की तैयारी कराता है. इसकी कई शाखाएं भारत के अलग-अलग शहरों में मौजूद हैं.

इसके अलावा, यहां Medical (NEET) एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए भी केंद्र है. साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) और कंपनी सेक्रेटरी (CS) परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी केंद्र मौजूद हैं. खानकाह में B.Ed कॉलेज भी है, जिसमें महिला छात्रों की संख्या ज्यादा है. साथ ही 2011 के बाद कई नए कोर्सेज भी जोड़े गए हैं.

जब अहमद वली फैसल रहमानी यहां के हेड बने तो उन्होंने सबसे पहले एक साल का मास कम्युनिकेशन डिप्लोमा (जर्नलिज़्म कोर्स) शुरू किया. बाद में उन्होंने इस्लामिक जुरिसप्रूडेंस में दो साल का मास्टर कोर्स शुरू किया और 2023 में दो साल का डिप्लोमा इन इंग्लिश लैंग्वेज इन प्रोफेशनल स्किल्स भी शुरू किया.

सेंटर है इंजीनियरों की खान

रहमानी30 को इंजीनियरों की खान कहना गलत नहीं होगा. बनने के बाद से खानकाह से कई इंजीनियर निकले हैं. खानकाह से पिछले साल 500 से ज्यादा छात्रों ने कामयाबी हासिल की और IIT पहुंचे हैं. वहीं, 800 से ज्यादा छात्र JEE Advanced पास करके National Institutes of Technology (NITs) में एडमिशन लेने में सफल हुए हैं. इसके अलावा, रहमानी30 के विभिन्न केंद्रों के कई छात्र हर साल ओलंपियाड प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेते हैं.

खानकाह में क्या-क्या इंतजाम

खानकाह अपने फैकल्टी के परिवारों और रसोइयों को भी आवास सुविधाएं देती है. यहां लगभग 1200 लोगों के लिए दिन में तीन समय का खाना बनाया जाता है. इसके अलावा, रहमानी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस है, जहां छात्र नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक पढ़ सकते हैं.

APJ अब्दुल कलाम का कनेक्शन

जामिया रहमानी के तलीमगाह भवन का उद्घाटन भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने किया था. कलाम, जो खुद को पूर्व राष्ट्रपति के बजाय एक प्रोफेसर के रूप में जाना जाना पसंद करते थे, उन्होंने 2003 में ही इस भवन का उद्घाटन किया. राष्ट्रपति के मंच से वैज्ञानिक अब्दुल कलाम ने एक बार बताया था कि वो खुद मद्रसा बोर्ड के छात्र रह चुके थे.

लालू यादव का कनेक्शन

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इससे पहले पिछले साल भी खानकाह रहमानी मुंगेर पहुंचे थे. यहां उन्होंने अमीर-ए-शरीअत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी दामत बरकातहुम से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान, तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को फोन पर हजरत अमीर-ए-शरीअत से बातचीत भी कराई थी. मुलाकात के दौरान तेजस्वी यादव ने बताया था कि उनके परिवार का खानकाह रहमानी के बुजुर्गों से हमेशा गहरा संबंध रहा है. खासतौर पर उनके पिता का हजरत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी साहब से बहुत गहरा रिश्ता था. साथ ही उनका परिवार हमेशा खानकाह रहमानी में आता रहा है.

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