पहली बार कजरी तीज का व्रत कैसे करें? यहां जानें पूजा विधि और नियम

हिंदू पंचांग के मुताबिक, साल में तीन बार तीज का पर्व मनाया जाता है. भादो में आने वाली तीज को कजरी तीज कहते हैं. हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है, जो रक्षाबंधन के तीन दिन बाद आता है. कजरी तीज को कजली तीज या बड़ी तीज भी कहा जाता है. इस बार कजरी तीज 12 अगस्त को मनाई जाएगी. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. वहीं, कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं. अगर आप पहली बार कजरी तीज का व्रत करने जा रही हैं, तो चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कजरी तीज का व्रत कैसे रखा जाता है.
कजली तीज 2025 में कब है?
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त को सुबह 10:33 बजे शुरू होगी और इसका समापन 12 अगस्त की सुबह 08:40 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक कजरी तीज 12 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी.
कजरी तीज 2025 पूजा मुहूर्त
कजरी तीज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है और इस समय में पूजा करना विशेष लाभकारी होता है. 12 अगस्त को सुबह 11:52 बजे से 13 अगस्त की सुबह 05:49 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. ऐसे में इस दौरान आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं.
कजरी तीज व्रत में क्या-क्या सामान लगता है?
कजरी तीज की पूजा करने के लिए आपको नारियल, सुपारी, कलश, घी, कपूर, कच्चा सूत, नए वस्त्र, बेल पत्र, दही, शहद, मिश्री, शमी के पत्ते, अक्षत, दूर्वा, पीला वस्त्र, दूध और 16 श्रृंगार की चीजों की जरूरत पड़ेगी.
कजरी तीज का व्रत कैसे करें?
कजरी तीज के दिन व्रत का संकल्प लेकर विवाहित और अविवाहित महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं.
1. स्नान और संकल्प:- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें.
2. पूजा स्थल:- एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उसपर शिव-पार्वती की मूर्ति या फोटो स्थापित करें.
3. शिव-पार्वती की पूजा:- फिर माता पार्वती को 16 श्रृंगार की चीजें अर्पित करें और भगवान शिव को बेल पत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं.
4. व्रत कथा:- इसके बाद कजरी तीज की व्रत कथा का पाठ करें.
5. चंद्रोदय:- रात के समय चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को जल अर्घ्य दें.
6. व्रत का पारण:- चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद सत्तू और फल खाकर व्रत का पारण करें.
कजरी तीज के व्रत में क्या नहीं करना चाहिए?
- कजरी तीज का व्रत निर्जला रखने का विधान है, इसलिए पानी नहीं पीना चाहिए.
- इस दिन गुस्सा करने या किसी से वाद-विवाद करने से बचना चाहिए.
- इस दिन काले रंग के कपड़े, चूड़ियां या अन्य चीज पहनने से बचना चाहिए.
- कजरी तीज व्रत में दिन के समय सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे व्रत खंडित हो सकता है.
- तीज व्रत में बड़े-बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए, बल्कि उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
- कजरी तीज व्रत में झूठ बोलने से भी बचना चाहिए और पति से झगड़ा करने से बचना चाहिए.
- कजरी तीज पूजा में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए.
- कजरी तीज का संकल्प लिया है तो उसे भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए.
- कजरी तीज की रात को जागरण करना चाहिए और भगवान शिव-माता पार्वती की कथा सुननी चाहिए.
- कजरी तीज के दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है.