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पंजाब

स्कूलों में छुट्टियों को लेकर सख्त आदेश जारी, Students व Parents हो जाएं सावधान!

लुधियाना  : अब इसे चाहे स्कूलों में चल रहे डमी एडमिशन के ट्रेंड को रोकने की कवायद समझा जाए या फिर स्टूडेंट्स द्वारा हर मौके पर छुटी लेने के शुरू हुए रिवाज को रोकने की पहलकदमी लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने छात्रों की अटेंडेंस और छुट्टी (लीव) नियमों को लेकर नई और सख्त पॉलिसी लागू कर दी है। इस नई पालिसी के लागू होने के बाद उन पेरेंट्स या बच्चों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है जो किसी रिश्तेदार के छोटे से फंक्शन पर जाने के लिए भी छात्र की पढ़ाई को दाव पर लगा देते हैं या फिर विदेश या देश में घूमने जाने का कोई सस्ता पैकेज मिलते ही स्कूल से छुटी लेकर बैग पैक कर लेते हैं।

पेरेंट्स में पैदा हो रही ऐसी आदतों पर रोक लगाने के लिए सी.बी.एस.ई. ने उक्त कदम उठाया है जिसके लागू होने के बाद अब स्कूलों में छुट्टी लेना पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो जाएगा। निर्देशों के मुताबिक किसी भी छात्र की हर छुट्टी का हर रिकार्ड स्कूल के पास रखा जाएगा और बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर उसे ‘डमी स्टूडेंट’ घोषित किया जा सकता है, जिससे वह बोर्ड परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं रहेगा। यही नहीं बोर्ड की टीम क्लासेज में जाकर स्टूडेंट्स की अटेंडेंस भी चेक कर सकती है और छुटी पर चल रहे स्टूडेंट्स की एप्लिकेशन भी क्लास टीचर से मांग सकती है।

इतना ही नहीं, यदि किसी छात्र को माता या पिता के निधन जैसी स्थिति में भी छुट्टी लेनी है तो लीव एप्लीकेशन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) स्कूल में जमा करवाना अनिवार्य होगा। यह नियम अन्य गंभीर कारणों पर भी लागू होगा। इसी के साथ स्कूलों को अपने स्टूडेंट्स के अटेंडेंस का रिकॉर्ड सही तरीके से रखने के साथ इस पर लगातार नजर भी बनाए रखनी होगी। अटेंडेंस रजिस्टर रोज अपडेट करना होगा। इस पर क्लास टीचर और संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर होने चाहिए।

स्कूल,पेरेंट्स और स्टूडेंट्स के लिए बनाए 5 नियम

सी.बी.एस.ई. ने स्कूल, स्टूडेंट्स और पैरंट्स तीनों के लिए 5 जरूरी नियमों का जिक्र अपने सर्कुलर में किया है। स्कूलों को निर्देश दिया है वे छात्रों और अभिभावकों को छुट्टी लेने की पूरी प्रक्रिया, अटेंडेंस मॉनिटरिंग और नियमों के उल्लंघन पर होने वाली कार्रवाई के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी दें। स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर छुट्टी का कारण वैध हो और उससे जुड़े जरूरी दस्तावेज समय पर जमा हों।

यह रहेगी छुटी की प्रक्रिया

मेडिकल इमरजेंसी के मामले में छुट्टी से वापस आने के तुरंत बाद स्टूडेंट्स को वैध मेडिकल डॉक्यूमेंट्स के साथ लीव एप्लिकेशन जमा करना होगा। दूसरे कारणों के छुट्टी ली है, तो भी स्टूडेंट्स को स्कूल को लिखित में इसकी जानकारी देनी होगी वो भी वैध कारण के साथ। अगर चेकिंग के समय पाया गया कि स्टूडेंट बिना किसी उचित लीव रिकॉर्ड के अनुपस्थित है तो बोर्ड ये मानेगा कि वो रेगुलर स्कूल अटेंड नहीं कर रहे और उन्हें डमी कैंडिडेट के तौर पर ट्रीट किया जा सकता है। ऐसे विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं देगा।

छुट्टी के लिए जरूरी प्रक्रिया और दस्तावेज

-एप्लीकेशन और सर्टिफिकेट अनिवार्य —

-लंबी बीमारी
माता-पिता या अभिभावक की रिक्वेस्ट एप्लीकेशन
-सरकारी डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट
-सभी मेडिकल रिपोर्ट, एक्स-रे

किसी एक निधन के मामले में

-माता-पिता या अभिभावक का अनुरोध पत्र

-डेथ सर्टिफिकेट

अन्य गंभीर कारण —

माता-पिता का अनुरोध पत्र
संबंधित सरकारी प्राधिकरण का प्रमाण पत्र
राष्ट्रीय स्तर के खेल (सीबीएसई/एसजीएफआई) में भागीदारी
अभिभावक का अनुरोध पत्र
संबंधित प्राधिकरण का प्रमाण पत्र

राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल (एसओपी के अनुसार) —

अभिभावक का अनुरोध पत्र

75% अटेंडेंस अनिवार्य

सी.बी.एस.ई. ने स्पष्ट किया है कि 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों की अटेंडेंस कम से कम 75% होना जरूरी है। केवल 25% छुट्टी ही वैध कारण और दस्तावेजों के साथ दी जा सकती है। अटेंडेंस 1 जनवरी से शुरू होगी और यदि यह 75% से कम पाई गई तो छात्र को बोर्ड परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।

7 जनवरी तक ही सुनवाई

यदि किसी छात्र की अटेंडेंस 75% से कम है, तो स्कूल को संबंधित फॉर्म के साथ कारण, दस्तावेज और सिफारिश 7 जनवरी तक सी.बी.एस.ई. के रीजनल ऑफिस में भेजनी होगी। इसके बाद किसी भी मामले पर विचार नहीं किया जाएगा। सी.बी.एस.ई. ने यह भी चेतावनी दी है कि किसी छात्र की अटेंडेंस की गलत जानकारी देना या बाद में उसमें बदलाव करना ‘हेरफेर’ माना जाएगा और ऐसे मामलों को सीधे खारिज कर दिया जाएगा।

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