ब्रेकिंग
पंजाब के मौसम को लेकर Latest Update, जानें अपने शहर का हाल... CBSE का बड़ा बदलाव, पूरी तरह बदल जाएगा Exams का पैर्टन, पढ़ें... पंजाब पुलिस की गाड़ी के साथ बड़ा हादसा, 2 की मौ'त आज भी ट्रेनों के आगमन का इंतजार कर रहा पंजाब का ये Railway Station, पढ़ें... जालंधर-पठानकोट NH पर परिवार के साथ भीषण हादसा पंजाब की जेल से वायरल हो रही Video ने मचाया हड़कंप पंजाब में लैंडस्लाइड के बाद हादसे का शिकार हुए बच्चों से भरी स्कूल बस, थमी सांसे उफान पर ब्यास दरिया! बिगड़ रहे हालात, प्रशासन की लोगों से खास अपील पंजाब के इस जिले के लोगों को होगा बड़ा फायदा, सरकार ने जारी किए करोड़ों रुपए रात के अंधेरे में शुरू होता था गंदा खेल, लड़कियों के इशारे पर रुकते थे लड़के और फिर...
महाराष्ट्र

‘मोदी-योगी’ को भी फंसाने की थी साजिश…मालेगांव केस में प्रज्ञा ठाकुर ने ATS पर लगाया गंभीर आरोप

मालेगांव विस्फोट मामले में बरी की गईं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शनिवार को आरोप लगाया कि जांच अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ित किया था और उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों के नाम लेने को कहा था. ऐसा पहली बार है जब प्रज्ञा ठाकुर ने यह सनसनीखेज दावा किया है, जिसका एनआईए की विशेष अदालत के 1036 पृष्ठों के फैसले में कोई उल्लेख नहीं है. विशेष अदालत ने मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया था.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर शनिवार को कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए सत्र अदालत में पेश हुईं. अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने दावा किया कि पूछताछ के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया था. हालांकि विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने अपने फैसले में प्रज्ञा ठाकुर के यातना और दुर्व्यवहार के दावों को खारिज कर दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने को कहा’

साध्वी ने कहा कि अधिकारियों ने मुझे प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने को कहा, क्योंकि उस समय मैं सूरत (गुजरात) में रह रही थी. भागवत (आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का स्पष्ट संदर्भ) जैसे कई नाम हैं, लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया, क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलना चाहती थी. ठाकुर ने दावा किया कि उन्होंने यह सब लिखित में दिया था.

टॉर्चर करने की दी धमकी

उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य मुझे प्रताड़ित करना था. उन्होंने कहा कि अगर मैंने नाम नहीं लिए, तो वे मुझे प्रताड़ित करेंगे. इन नामों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुदर्शन जी, इंद्रेश जी, राम जी माधव और कई अन्य शामिल हैं, जिनके नाम मुझे अभी याद नहीं आ रहे हैं. बीजेपी की पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि उन्हें अस्पताल में भी अवैध रूप से हिरासत में रखा गया, जहां वह बेहोश हो गईं और उनके फेफड़े खराब हो गए.

ठाकुर ने दुर्व्यवहार का लगाया आरोप

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैं अपनी कहानी लिख रही हूं, जिसमें ये सब लिखूंगी. सच सामने आएगा. यह धर्म की विजय है, सनातन धर्म की विजय है, हिंदुत्व की विजय है. यह सनातनी राष्ट्र है, और यह सदैव विजयी होता है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ठाकुर ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था, लेकिन उनके दावों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया गया.

इसने 2011 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया गया, जिसमें अवैध हिरासत, यातना और हिरासत के उनके दावों को खारिज कर दिया गया था. निचली अदालत ने कहा कि ठाकुर ने नासिक की अदालत में कोई शिकायत नहीं की थी जब उन्हें गिरफ्तारी के बाद रिमांड के लिए पेश किया गया था.

यातना का कोई सबूत नहीं

न्यायाधीश लाहोटी ने कहा कि मेरे संज्ञान में यातना और दुर्व्यवहार का कोई सबूत नहीं लाया गया है और इसलिए मैं इस दलील को स्वीकार करने के लिए इच्छुक नहीं हूं. इस बीच, साध्वी ने कहा कि उनके खिलाफ पूरा मामला निराधार है. उन्होंने महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को एक दुष्ट व्यक्ति बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह, (तत्कालीन एटीएस प्रमुख) हेमंत करकरे और सुखविंदर सिंह ने मुझे प्रताड़ित किया और मुझसे झूठ बोलने को कहा, लेकिन मैंने इनकार कर दिया.

Related Articles

Back to top button