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बिहार

न बैंड-बाजा, न ही लग्जरी कार… नाव पर आए बाराती, नाव पर ही विदा हुई दुल्हन; बिहार में बाढ़ के बीच हुई अनोखी शादी

बिहार के भागलपुर जिले में अनोखी शादी हुई है, जहां न बैंड-बाजा बजा, न मोटर गाड़ी पर बारात आई और न ही डीजे की धुन पर बाराती नाचते दिखे. ऐसा इसलिए क्योंकि वह इलाका बाढ़ के पानी में जलमग्न था. नाव से ही दूल्हे राजा बारात लेकर आए और उसी नाव से दुल्हनिया को विदा कर वापस ले गए. चेहरे पर थोड़ी मुस्कान जरूर थी, लेकिन सारे शौक और अरमानों पर पानी फिर गया था. अब यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

भागलपुर में एक दूल्हा लग्जरी कार की जगह नाव पर अपनी बारात लेकर निकला. यह पूरा दृश्य जिले के पीरपैंती प्रखंड के बाखरपुर गांव का है. यहां 2 सप्ताह पहले से गंगा नदी में आई बाढ़ के पानी से बाखरपुर पंचायत पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. ऐसे में इस गांव के देवमुनी कुमार सजधज कर दूल्हा बने तो उन्हें 35 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए नाव की सवारी करनी पड़ी. दरअसल, बिहार और नेपाल में हो रही बारिश के बाद प्रदेश की नदियां उफान पर हैं.

नाव में बैठकर निकली बारात

गंगा और कोसी नदी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से उपर बह रही है. कई जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. इस बीच भागलपुर में देवमुनी कुमार की बारात लग्जरी कार की जगह नाव में बैठकर निकली.लड़के के पिता रामदेव मंडल ने बताया की शादी की तिथि एक महीने पहले निर्धारित कर ली गई थी. इसी बीच गंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई. बाखरपुर गांव भी बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर गया.

25 से 30 लोग हुए शामिल

गांव से निकलने का रास्ता नहीं बचा तो कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड के कटाकोष गांव के रहने वाले रामचंद्र चौधरी के यहां बारात नाव से गई और शादी कर दुल्हन को लेकर नाव से ही वापस लाया गया. दूल्हे राजा देवमुनी कुमार ने बताया की गंगा नदी में बाढ़ आने के कारण लड़की के घर जाने के लिए कोई और रास्ता नहीं बचा था. ऐसे में नाव पर बारात को ले जाना पड़ रहा था. उन्होंने बताया कि बारात में केवल 25 से 30 लोग ही शामिल हुए थे.

रास्ते में हुई बारिश

दूल्हे ने बताया कि वे घर से सज-धज कर बारात लेकर कुछ दूर तो स्कॉर्पियो से गए. इसके बाद वहां से पैदल गंगा किनारे गए और फिर वहां से नाव में बैठकर बारातियों के साथ लड़की के घर कटिहार पहुंचे. घर से जब निकले तो आसमान साफ था, लेकिन जब नाव पर सवार हुए तो बारिश होने लगी. झमाझम बारिश के साथ भीगते हुए लड़की के घर बारात लेकर पहुंचे. दुल्हे ने बताया कि अगर बाढ़ नहीं आई होती तो हम सड़क मार्ग से बारात लेकर पहुंचते.

बिना बैंड बाजा के निकली बारात

उन्होंने बताया कि 8 घंटे तक नाव की सवारी करनी पड़ी. लड़की का घर जाने के लिए सीधा रास्ता 35 किलोमीटर का है. हालांकि, गंगा नदी से होकर गए जिस कारण अधिक समय लगा. इस दौरान ना कोई बैंड था ना कोई बाजा कोई ताम-झाम नहीं हुआ. मेरा शौक धरा का धरा रह गया. दिल में कसक रह गई. शादी धूमधाम से करनी थी, लेकिन बाढ़ के कारण नहीं हो पाई. नाव से ही ससुराल में मिला सारा सामान पलंग, तकिया, गद्दा, कुर्सी-टेबल, गोदरेज आदि लेकर अपने घर पहुंचा.

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