न रोटी, न राहत…गाजा में भूख का कहर, मगर ‘अकाल’ अब तक घोषित क्यों नहीं?

गाजा में जिंदगी अब नमक और पानी के भरोसे है. लोग भूख से मर रहे हैं. दक्षिण गाजा के अस्पताल अब बमबारी के घायलों से नहीं, कुपोषण से तड़पते बच्चों से भरे पड़े हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि हर तीसरा गाजावासी कई दिनों तक भूखा रहता है. मगर हैरानी की बात ये है कि इन सबके बावजूद अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं अब तक इसे “अकाल” घोषित करने से बच रही हैं.
गाजा में भूख का ये मंजर अब इतना भयावह हो चुका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक को बयान देना पड़ा. स्कॉटलैंड दौरे पर उन्होंने गाजा से आई भूखे बच्चों की तस्वीरों को डरावना बताया और कहा कि इजराइल को अब युद्ध पर फैसला लेना चाहिए. उधर, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में भुखमरी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने कहा है कि गाजा में न तो कोई भुखमरी है और न ही हमारी ऐसी कोई मंशा