ब्रेकिंग
सिवनी के बुधवारी बाजार में सजीं राखियों की दुकानें: रक्षाबंधन की रौनक से गुलजार हुआ शहर! सन्नाटे में डूबा सिवनी भाजपा कार्यालय: क्या थम गई है कार्यकर्ताओं की उमंग? बाढ़ में पिता की मौत, मां-दादी भी लापता… कौन है 10 महीने की नीतिका, जो हिमाचल की बनी चाइल्ड ऑफ द स्ट... जवानों की बड़ी राहत, ऑपरेशन में घायलों को भी मिलेगी फुल सैलरी, प्रमोशन भी पा सकेंगे, गृह सचिव का ऐला... भारत तो भारत है, इसका अनुवाद न हो… इंडिया vs भारत पर मोहन भागवत ने समझा दिया मूलमंत्र आवारा कुत्तों से शहर परेशान, बच्चे चुका रहे कीमत… रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान हम दुश्मन नहीं, केंद्र ने क्रिकेट खेलने का फैसला अच्छा किया… महबूबा मुफ्ती का छलका पाकिस्तान प्रेम जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर में सेना का ‘ऑपरेशन महादेव’, 3 आतंकियों को किया ढेर, पहलगाम हमले के हो सकते है... बंगालियों को किया जा रहा परेशान… ममता बनर्जी ने कहा- दिल्ली पुलिस ने महिला और बच्चे से की मारपीट ‘डेरिंग दादी’ का कारनामा तो देखिए; 8 फीट लंबे सांप को यूं दबोचा, फिर गले में लपेट लिया
दिल्ली/NCR

DCP शशांक बने फरिश्ता… सड़क दुर्घटना में घायल 2 लोगों की बचाई जान

दिल्ली के डीसीपी शशांक जायसवाल ने एक बार फिर सड़क दुर्घटना में घायल हुए दो लोगों की जान बचाई. शशांक जायसवाल डीसीपी ट्रैफिक हैं. वो आईआईएम में लेक्चर देने के बाद दिल्ली वापस लौटे और देर रात तकरीबन तीन बजे अपने घर जा रहे थे. इसी दौरान उन्होंने वसंत कुंज के पास डंपर के एक्सीडेंट में दो लोगों को फंसे हुए देखा.

इसके बाद डीसीपी शशांक जायसवाल ने फौरन अपनी गाड़ी रुकवाई. फिर उन्होंने फंसे हुए लोगों को डंपर से खुद ही बाहर निकाला और वसंत कुंज में नजदीकी फोर्टिस अस्पताल पहुंचाया. दोनों घायलों की हालत काफी गंभीर थी. एक घायल की दाहिनी आंख बाहर आ गई थी. फोर्टिस अस्पताल से उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर भर्ती कराया गया, जहां जान बचाने के लिए तुरंत उनकी सर्जरी शुरू की गई.

डीसीपी ने खुद की पीसीआर कॉल

इसके बाद डीसीपी शशांक जायसवाल ने खुद पीसीआर कॉल की. फिर सुबह तकरीबन 5:30 बजे तक पुलिस के आने तक वह अस्पताल में ही रहे और डॉक्टरों से लगातार ऑपरेशन को लेकर संपर्क किया. घायलों की पहचान जगदीश और दिनेश के तौर पर हुई, जो गाजीपुर के रहने वाले हैं और डंपर चलाते हैं. डॉक्टरों ने फिलहाल ऑपरेशन कर दिया है.

इससे पहले भी बचाई थी शख्स की जान

हालांकि दिलवालों की दिल्ली में अमूमन देखा गया है कि सड़क पर घायल पड़े शख्स की मदद करने कोई नहीं आता, लेकिन डीसीपी शशांक जायसवाल के साथ यह चौथा मामला है, जब उन्होंने अपनी गाड़ी रोककर घायलों की मदद की. फिर अपनी ही गाड़ी में घायलों को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई. इससे पहले भी सड़क दुर्घटना में घायल हुए शख्स की सीपीआर देकर शशांक जायसवाल ने जान बचाई थी. इस साहसिक कार्य के लिए उनकी काफी सराहना की गई थी.

Related Articles

Back to top button