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मध्यप्रदेश

रीवा में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव, CM मोहन यादव बोले- खुलेंगे समृद्धि और रोजगार के द्वार

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को रीवा के कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में आयोजित रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘हम वसुधैव कुटुंबकम के माध्यम से टूरिज्म के साझेदारों को जोड़ना चाहते हैं. टूरिज्म के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिलता है. उद्योग मंदिर की तरह हैं, जहां लोगों की जीवन पलता है और उन्हें रोजी-रोटी मिलती है. हम इस सेक्टर में निवेश के लिए निवेशकों का स्वागत करते हैं.

कॉन्क्लेव में कई कंपनियों के साथ एमओयू भी साइन किए गए. इस दौरान कई निवेशकों को जमीन भी आवंटित की गई. साथ ही कार्यक्रम में विंध्य क्षेत्र के टूरिज्म स्पॉट पर फिल्म भी दिखाई गई. इस कॉन्क्लेव में 3 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.

पर्यटन भी इंडस्ट्री के ही समान

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास का कारवां चल रहा है. हमारी सरकार पूरी ताकत के साथ एक दिशा में आगे बढ़ रही है. रीवा रीजनल कॉन्क्लेव में कुछ ही महीने पहले 31 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. जीआईएस में 30 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले थे. साथ ही, 21 लाख लोगों को रोजगार भी मिलने की राह खुली. पर्यटन भी इंडस्ट्री के ही समान है इसलिए इस सेक्टर में भी हर सुविधाएं देने के लिए तत्पर हैं.

मोहन यादव ने कहा कि हमें गर्व है इस बात पर कि मध्यप्रदेश में टूरिज्म का सेक्टर सबसे तेज गति से बढ़ा है. इसमें धार्मिक पर्यटन का बड़ा रोल है. टूरिज्म में सारे राज्य एक तरफ और मध्यप्रदेश एक तरफ. हमारी गंगा-यमुना ग्लेशियर की वजह से जलराशि प्राप्त करती हैं. लेकिन, हमें गर्व है कि हमारी नदियां भी उसी प्रवाह के साथ उनकी रफ्तार को गति देती हैं.

किसने कितना दिया निवेश प्रस्ताव

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रातापानी टाइगर रिजर्व बना. इस क्षेत्र में दिन में आदमी तो रात में टाइगर घूमते हैं. इस तरह का दृश्य किसी और राजधानी में देखने को नहीं मिलता. दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर भारत में हैं, और भारत में सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में हैं. एशिया की सबसे साफ पानी वाली नदी हमारी चंबल है. वहां घड़ियाल सेंचुरी भी है.

मोहन यादव ने बताया कि रीवा रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई सुबह का आगाज़ हुआ है. आज पर्यटन क्षेत्र में 3000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. यह ऐतिहासिक पल दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा. कॉन्क्लेव में निवेशकों का उत्साह देखते ही बन रहा था.

फ्लाईओला के मैनेजिंग डायरेक्टर राम ओला ने 700 करोड़ के सबसे बड़े निवेश की मंशा जताई, जो इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पर्यटन परियोजनाओं की शुरुआत का संकेत है. आरसीआरसीपीएल और विंध्य प्राइड के दिव्यांश सिंह बघेल ने 500 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई. इसी क्रम में अमित दिग्विजय सिंह ने 500 करोड़ और संदड़िया बिल्डर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत संदड़िया ने 300 करोड़ के निवेश का इरादा व्यक्त किया.

ये कंपनियां भी आईं आगे

इसके अतिरिक्त, जंगल कैंप इंडिया के गजेंद्र सिंह राठौर ने 150 करोड़, गौरव प्रताप सिंह और पुष्पराज सिंह ने 100-100 करोड़, राजस्थान फोर्ट एंड पैलेस के मैनेजिंग डायरेक्टर मानवेंद्र सिंह शेखावत ने हेरिटेज प्रॉपर्टी को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपए, इको पार्क के अनुज और विजय तिवारी ने 80 करोड़, तथास्तु रिसॉर्ट के अनिल अग्रवाल ने 150 करोड़, सिद्धार्थ सिंह तोमर ने 15 करोड़, सिद्धि विनायक कंस्ट्रक्शन के वैभव सिंह कौरव ने 10 करोड़ और कैलाश फुलवानी ने 5 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई है.

दुनिया की सारी सफारियां हमारे आगे फेल

उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हर क्षेत्र में काम किया है. पूरा देश उनकी ओर देख रहा है. हम आज डंके की चोट पर कहते हैं कि हमारे पास वाइट टाइगर है. रीवा की टाइगर सफारी के आगे दुनिया की सफारियां फैल हैं. हमारे वॉटरफॉल के आगे नियाग्रा वॉटरफॉल कुछ भी नहीं है. बाण सागर का रिजर्ववॉयर मालदीप के टापू से कहीं खूबसूरत है. आज रीवा में शॉपिंग मॉल बन रहे हैं, बड़े-बड़े ब्रांड्स यहां आने को तत्पर हैं. आने वाले दिनों में रीवा स्वर्णिम नगरी होगी. यह क्षेत्र निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान है.

निवेशकों का स्वागत

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश सरकार इंवेस्टमेंट फ्रेंडली सरकार है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2047 तक भारत मजबूत देश हो. इसी तरह मध्यप्रदेश को भी मजबूत राज्य बनाना है. इसमें निवेशकों को भी सहयोग अपेक्षित है. प्रदेश में निवेशकों का स्वागत है. पर्यटन-संस्कृति और धार्मिक न्यास मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री मैन ऑफ आइडियाज हैं. आइडियाज को धरती पर उतारने की शक्ति भी उन्हें के पास है. हमारी सरकार की मंशा विंध्य-निमाड़ बुंदेलखंड को विकसित करना है. हमारे प्रदेश में सबसे ज्यादा विविधताओं वाला प्रदेश है. हम चीता-टाइगर स्टेट हैं.

धार्मिक टूरिज्म के क्षेत्र में उनके नेतृत्व में भी प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है. कुछ ही समय में प्रदेश में 13 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट आए. हम गर्व के साथ कह सकते हैं सीएम यादव के विजन से पर्यटन ऊंचाईयां छू रहा है. मैं निवेशकों से कहना चाहता हूं कि हमारी फिल्म-टूरिज्म पॉलिसी सबसे अनूठी है. आप सभी निवेशकों का प्रदेश में बाहें फैलाकर स्वागत है.

पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि रीवा की भौगोलिक स्थिति किसी भी पर्यटक को लुभा सकती है. सफेद बाघ केवल रीवा में हैं. बांधवगढ़ के पुरातात्विक अवशेष सबसे बड़ी पूंजी है. आज रीवा की ट्रेन-एयर कनेक्टिविटी बेहतर है. मैं आश्वस्त करता हूं कि पिछला ये डेढ़ वर्ष उद्योगपतियों से संवाद के लिए जाना जाएगा. मैं सबसे विनती करता हूं निवेशक यहां आएं, उनका स्वागत है.

लगातार काम कर रही सरकार

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार विंध्य क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए विशिष्ट परियोजनाओं पर सक्रिय रूप से कार्य कर रही है. ये कार्य इस क्षेत्र की क्षमता को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. विंध्य क्षेत्र में पर्यटन को विशिष्ट अनुभव और सुविधाएं देने के लिए अमरकंटक में 50 करोड़ रुपए की लागत से प्रसाद योजना के तहत घाट, पुल और अन्य सुविधाएं विकसित की हैं. ये सुविधाएं केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने शुरू की है. इससे अमरकंटक को एक प्रमुख आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाना है.

धार्मिक स्थलों का विकास

इसी तरह चित्रकूट भी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का लंबा समय व्यतीत किया था. कामतगिरि परिक्रमा पथ के विकास के लिए लगभग 36.84 करोड़ रुपए की लागत से कार्य किए जा रहे हैं. इसके अलावा चित्रकूट में भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत मंदाकिनी के किनारे राघव घाट, भरत घाट पर लगभग 27 करोड़ रुपए की लागत से विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभवों को विकसित किया जा रहा है. इस योजना में निर्मित घटकों का अगले 9 वर्षों तक संचालन और रखरखाव भी सम्मिलित है.

रीवा से 65 किमी दूर स्थित शारदा देवी मंदिर श्रद्धा का एक बड़ा केंद्र है. यहां उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु आते हैं. उनकी सुविधा और आध्यात्मिक अनुभवों को बढ़ाने के लिए मैहर में मां शारदा देवी लोक बनाया जाएगा. यह परियोजना मैहर को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी.

कौशल विकास के साथ रोजगार

राज्य के युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए शहडोल फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट स्थापित किया जा रहा है. इसका निर्माण 15.62 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है. आज इसका लोकार्पण भी किया गया. रीवा में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट पहले से ही संचालित है. यह संस्थान नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी (NCHMCT) से मान्यता प्राप्त है. यह डेढ़ साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के साथ-साथ केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ‘हुनर से रोजगार तक’ जैसी निःशुल्क योजनाएं भी संचालित करेगा. इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

निवेशकों का बढ़ रहा विश्वास

बता दें, कॉन्क्लेव के दौरान पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 6 जमीनों के लिए लेटर ऑफ अलॉटमेंट (LOA) जारी किए गए. विंध्य क्षेत्र में इससे सीधे तौर पर 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के सैकड़ों अवसर पैदा होंगे. इन जमीनों पर होटल, रिसॉर्ट और इको टूरिज्म यूनिट आदि का निर्माण किया जाएगा. इन आवंटनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में पर्यटन अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.

PM श्री पर्यटन वायु सेवा बुकिंग पोर्टल

मध्यप्रदेश में पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग के सहयोग से 13 जून, 2024 को पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा शुरू की गई थी. इस सेवा के तहत पहली बार 2 ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट संचालित किए जा रहे हैं. यह सेवा भोपाल, इंदौर, सतना, रीवा और सिंगरौली के बीच संचालित हो रही है. इसकी टिकट बुकिंग वर्तमान में www.flyola.in के माध्यम से की जा रही है, और अब प्रचार-प्रसार और बुकिंग को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से आईआरसीटीसी वेबसाइट पर भी इसकी बुकिंग होगी.

होम स्टे ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल लॉन्च

प्रदेश के पर्यटन ग्रामों में विकसित ग्रामस्टे को डिजिटल बुकिंग प्रणाली से जोड़ते हुए होम स्टे ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल लॉन्च किया गया है. इससे स्थानीय होमस्टे अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर MakeMyTrip, EaseMyTrip, yatra.com जैसे प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों (OTAs) के माध्यम से आसानी से बुक हो सकेंगे. इससे उन्हें अधिक बुकिंग दर मिलेगी. यह पहल ग्रामीण उद्यमियों को डिजिटल रूप से सशक्त करेगी और स्थानीय रोजगार तथा आय में वृद्धि करेगी.

महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर

मंडला, डिंडोरी, सिंगरौली, सीधी और सिवनी में कला और शिल्प केंद्रों के निर्माण के लिए ग्राम सुधार समिति, एमएम फाउंडेशन और समर्थ संस्था के साथ एमओयू साइन किया गया. यह एमओयू रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन के तहत स्थानीय कला और हस्तकला के संरक्षण, प्रशिक्षण, उत्पादन और महिलाओं व कारीगरों को आजीविका के अवसर प्रदान करेगा.

मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड और दो प्रमुख डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों बारकोड एंटरटेनमेंट और क्विकी डिजिटल के बीच भी एमओयू साइन हुआ. यह साझेदारी मध्य प्रदेश की खूबसूरती, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन स्थलों की कहानियों को सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवाओं सहित व्यापक दर्शकों तक पहुंचाएगी. रीवा के वेंकट भवन के संरक्षण के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और पुरातत्व के बीच एलओए का आदान-प्रदान किया गया है.

प्रमुख निवेशकों से मुख्यमंत्री की चर्चा

इस कॉन्क्लेव में अभिनेत्री सानविका और अभिनेता मुकेश तिवारी विशेष रूप से मौजूद थे. इनके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. ज्योत्सना सूरी, ट्रैवलकर बिग स्टोन प्राइवेट लिमिटेड, राजपूताना कैसल्स रिसॉर्ट्स एंड क्लब्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन डिगेश अमित दिग्विजय सिंह, पैनोरमिक बिजनेस एरिया कमर्शियल डायरेक्टर (इंडिया), मेंबर एसआईटीई इंडिया चैप्टर, ओटीओएआई मेंबर रोहित चोपड़ा से वन टू वन चर्चा की.

वहीं द एमआरएस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मनवेंद्र सिंह शेखावत, जेट सर्व एविएशन एंड फ्लाईओला ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एस. राम ओला, जैसलमेर के फोर्ट राजवाड़ा के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय खोसला, तथास्तु रिजॉर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अगरवाल, अमित अलांय से चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अमित कुमार सिंह, जंगल कैंप्स इंडिया के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर गजेंद्र सिंह राठौर से भी सीएम ने बातचीत की.

यह है एमपी का आकर्षक टूरिज्म पॉलिसी

पर्यटन में निवेश को आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन नीति 2025 को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है. निवेशकों को अनुमतियां देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है. निवेशकों की सुविधा के लिए एक अलग सेल का गठन कर पारदर्शी निविदा प्रक्रिया स्थापित की गई है. अनुमतियों के लिए लगने वाले 30 दिन के समय को घटाकर 10 दिन किया गया है. 100 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने वाले निवेशकों को सीधे 90 साल के लिए जमीन आवंटित करते हैं. उन्हें कैपिटल सब्सिडी भी प्रदान की जाती है.

फिल्म टूरिज्म पॉलिसी

फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन के लिए प्रदेश की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी 2025 में सिंगल विंडो सिस्टम से सारी अनुमतियां दी जाती हैं. इसे लोकसेवा गारंटी एक्ट के अंतर्गत लाया गया है. स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्म निर्माण पर आकर्षक इनसेंटिव्स प्रदान किए जाते हैं. एमपी के 450 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. फिल्म पर्यटन न केवल राजस्व लाता है, बल्कि स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और सहायक सेवाओं के लिए रोजगार भी पैदा करता है. इससे अर्थव्यवस्था को बहुआयामी लाभ होता है.

ग्रामीण होम स्टे पर फोकस

ग्रामीण पर्यटन पॉलिसी से हम पर्यटन स्थलों के आस-पास ग्रामीण होम स्टे स्थापित कर रहे हैं. इससे ग्रामीण, खासकर महिलाएं लाभ प्राप्त कर रही हैं. यह एक समावेशी विकास मॉडल का प्रतिनिधित्व करता है. इसमें पर्यटन के आर्थिक लाभ शहरी केंद्रों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचते हैं.

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