सिवनी
वन्य प्राणी मौतों पर WWF की चुप्पी और जिम्मेदारियों पर सवाल

राष्ट् चंडिका न्यूज़,सिवनी, वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने का दावा करने वाली संस्था वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) पर अपने मूल उद्देश्यों से भटकने का आरोप लग रहा है। सिवनी में WWF की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर वन्य प्राणियों की मौतों के मामलों में उनकी कथित चुप्पी को लेकर। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, WWF वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर केवल रस्म अदायगी कर रही है और मीडिया को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रही है, बजाय इसके कि वह वन्यजीव संरक्षण के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे। हाल ही में पेंच टाइगर रिजर्व में चुनिंदा मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित एक कार्यशाला, जिसमें पेंच टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर रजनीश सिंह भी मौजूद थे, को इसी प्रयास का हिस्सा बताया जा रहा है।
उद्देश्यों से भटकाव और जवाबदेही की कमी
यह आरोप लगाया जा रहा है कि सिवनी जिले में WWF से जुड़े लोग वन्य प्राणियों की मौतों के मामलों में पेंच टाइगर रिजर्व के मौन पर चुप्पी साधे हुए हैं। वन्यजीवों के संरक्षण का दावा करने वाली इस संस्था से पिछले पांच वर्षों में पेंच टाइगर रिजर्व में शिकार, प्राकृतिक कारणों और दुर्घटनाओं से हुई वन्य प्राणियों की मौतों का विस्तृत आंकड़ा और इन मौतों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी जा रही है।
खुले कुओं में गिरते जंगली जानवर और WWF की निष्क्रियता
WWF के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप है कि वे अपना मूल काम छोड़कर पेंच टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के साथ मिलकर सरकारी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं। यदि WWF अपने कामों के प्रति ईमानदार होती, तो पेंच टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों की असमय मौतें नहीं होतीं, ऐसी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं।
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह और WWF के अधिकारियों से खुले कुओं में जंगली जानवरों के गिरने की बढ़ती घटनाओं पर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। कुछ महीने पहले कुरई विकासखंड के ग्राम हरदुआ में एक बाघिन और सूअर के कुएं में गिरने की घटना का जिक्र किया गया है, जहां काफी मशक्कत के बाद उनका रेस्क्यू किया गया था।
बाघ की मौत और अनुत्तरित प्रश्न
सबसे गंभीर सवाल 19 दिसंबर 2024 को ग्राम पंचायत रिड्डी के अंतर्गत गांव भीमलटोला के पास एक खुले कुएं में बाघ के गिर जाने से हुई मौत पर उठाया जा रहा है। WWF से पूछा जा रहा है कि इस घटना के लिए उन्होंने किसकी जवाबदेही तय की थी। इसके अतिरिक्त, 16 दिसंबर को पेंच टाइगर रिजर्व क्षेत्र में मिले एक बाघ के शव और 13 नवंबर को दक्षिण वन मंडल क्षेत्र में दतनी और 17 नवंबर को मगरकठ के जंगल में मिले एक साल के शावक के शव का भी उल्लेख किया गया है।
इन घटनाओं के संदर्भ में WWF से यह बताने की अपेक्षा की जा रही है कि उन्होंने इन वन्य प्राणियों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए। आरोप है कि WWF अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पेंच टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर रजनीश सिंह के साथ मिलकर केवल कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है।
यह स्थिति वन्यजीव संरक्षण के प्रति WWF की प्रतिबद्धता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है और उनकी जवाबदेही तय करने की मांग करती है।