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LIC की इस योजना से 2 लाख से अधिक महिलाओं को मिला रोज़गार! हर महीने कमा रही हैं इतनी रकम

केंद्र सरकार की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई LIC बीमा सखी योजना से अब तक देशभर में दो लाख से अधिक महिलाओं को सीधा फायदा मिल चुका है. संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना के तहत महिलाएं न केवल हर महीने कमाई कर रही हैं, बल्कि उन्हें प्रशिक्षित कर एक स्थायी करियर की दिशा में भी आगे बढ़ाया जा रहा है.

‘बीमा सखी’ बनकर महिलाएं कमा रही हैं सम्मान और पैसा

एलआईसी की इस खास योजना के तहत महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे अपने इलाके में इंश्योरेंस सेवाएं प्रदान कर सकें. सरकार ने बताया कि 9 दिसंबर 2024 को लॉन्च हुई इस योजना से अब तक कुल 2,05,896 महिलाएं जुड़ चुकी हैं. इनमें से अधिकांश महिलाओं की हर महीने औसतन 7,000 रुपये तक की आय हो रही है.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 में बीमा सखियों को कुल 62.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. वहीं, आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एलआईसी ने इस योजना के लिए 520 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिसमें से 14 जुलाई तक 115.13 करोड़ रुपये की राशि पहले ही वितरित की जा चुकी है.

10वीं पास महिलाएं भी बन सकती हैं ‘बीमा सखी’

बीमा सखी योजना खासतौर पर 18 से 70 वर्ष की उम्र की महिलाओं के लिए बनाई गई है. इस योजना में 10वीं पास महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है. चयनित महिलाओं को तीन साल की गहन ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें उन्हें बीमा उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाती है. इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें हर महीने निर्धारित मानदेय भी दिया जाता है, पहले साल 7,000 रुपये, दूसरे साल 6,000 रुपये और तीसरे साल 5,000 रुपये प्रति माह. इसके अतिरिक्त, पॉलिसी बेचने पर मिलने वाला कमीशन भी उन्हें दिया जाता है.

ट्रेनिंग के बाद मिल सकती है स्थायी नौकरी

बीमा सखी योजना का लक्ष्य केवल अस्थायी रोजगार देना नहीं है, बल्कि महिलाओं को दीर्घकालिक और स्थायी करियर की दिशा में भी आगे बढ़ाना है. योजना के तहत पांच साल की ट्रेनिंग पूरी करने वाली महिलाएं अप्रेंटिस डेवलपमेंट ऑफिसर यानी ADO के पद के लिए आवेदन कर सकती हैं. इसके लिए ग्रेजुएशन अनिवार्य है. योजना के अंतर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिए जाते हैं. यह योजना न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का जरिया बन रही है, बल्कि वर्कफोर्स में उनकी भागीदारी को भी सशक्त बना रही है.

ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगी योजना, मंत्रालय ने किया समझौता

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं तक इस योजना को पहुंचाने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और ग्रामीण विकास मंत्रालय के बीच समझौता हुआ है. दोनों संस्थाओं ने मिलकर एक एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे योजना को गांव-गांव तक फैलाया जा सके. यह समझौता गोवा में 8 से 10 जुलाई के बीच आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन अनुभूति के दौरान हुआ. इस भागीदारी से ग्रामीण महिलाओं को भी एक स्थायी और सम्मानजनक आय का स्रोत मिलने की उम्मीद है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण दोनों के लिए बड़ा कदम साबित हो सकता है.

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