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चंदन मिश्रा हत्याकांड: तौसीफ ने बचने का बना रखा था फुलप्रूफ प्लान, ऑनलाइन हेयर कटिंग भी करवाई… बस हो गई ये चूक

पटना के पारस अस्पताल में कुख्यात चंदन मिश्रा की दिनदहाड़े हुई हत्या मामले में फिर से एक नया खुलासा हुआ है. पटना पुलिस ने मंगलवार को मुख्य आरोपी तौसीफ उर्फ बादशाह को बेउर जेल से रिमांड पर लिया और पूछताछ में उसने हत्या की साजिश और उसकी कड़ियों को कबूल कर लिया. कोर्ट ने तौसीफ को 72 घंटे की रिमांड पर भेजा है. पूछताछ में तौसीफ ने माना कि वह इस हत्या का लीडर था और वारदात को अंजाम देने के बाद वह कोलकाता भाग गया था. वहां एक सैलून में ऑनलाइन बुकिंग करवाकर हेयरकटिंग करवाई. ताकि उसकी पहचान न हो सके.

पुलिस की पूछताछ ने तौसीफ ने खुलासा किया कि शेरू सिंह के इशारे पर यह हत्या की गई. बलवंत शेरू के संपर्क में था और उसी ने सभी शूटर्स को हथियार दिए. हत्या की पूरी योजना पटना के समनपुरा में निशू खान के घर पर बनाई गई. बलवंत ने हर शूटर को 5-5 लाख रुपये देने का वादा किया था. हत्या के बाद तौसीफ फुलवारी होते हुए गया, रांची और फिर कोलकाता भागा. वहां उसने बाल-दाढ़ी कटवा ली ताकि पहचान में न आए. तौसीफ के मुताबिक, कोलकाता में गेस्ट हाउस निशू खान ने बुक करवाया था. जहां उसका परिचित काम करता था. तौसीफ ने निशू को भी साथ इसलिए भगाया ताकि सबसे पहले पुलिस उसी को न पकड़ ले.

बिहार पुलिस को मिली थी जानकारी

पश्चिम बंगाल एसटीएफ के आईजी गौरव शर्मा ने कहा- बिहार एसटीएफ ने हमसे संपर्क किया और बताया कि तौसीफ खान और तीन अन्य एक गाड़ी से कोलकाता जा रहे हैं, और हमें गाड़ी का नंबर भी दिया. बिहार पुलिस को यह अहम जानकारी एक महिला से मिली थी, जिसे उन्होंने गिरफ्तार किया था. सिर्फ रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर, पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने झारखंड पार करते ही फास्टैग और टोल प्लाजा के आंकड़ों के आधार पर गाड़ी की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया. 17 जुलाई की रात लगभग 10:30 बजे, गाड़ी की लोकेशन कोलकाता में प्रवेश करने से पहले पश्चिम बंगाल के दानकुनी में पाई गई.

इस सफल ऑपरेशन में एक अहम कारक ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रीडिंग (एएनपीआर) सिस्टम का इस्तेमाल था. शर्मा ने बताया- यह एक बेहद उन्नत और विशेष कैमरा है. इन कैमरों द्वारा कैप्चर की गई नंबर प्लेटें ज़्यादा साफ होती हैं और एक एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके यह स्पष्ट डेटा प्रदान करता है, जिससे वाहनों की गतिविधियों की खोज आसान हो जाती है.

टोल प्लाजा को किया अलर्ट

कोलकाता में उनकी मौजूदगी का पता चलते ही, पश्चिम बंगाल पुलिस, बिहार एसटीएफ और बंगाल एसटीएफ की कई टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया. 18 जुलाई की सुबह तक, पुलिस को यकीन हो गया था कि संदिग्ध शहर छोड़ने की कोशिश करेंगे, इसलिए उन्होंने सभी टोल प्लाजा को अलर्ट कर दिया.

एसीपी नेसकुमार ने कहा- हमने विशुद्ध विश्लेषण तकनीक, एएनपीआर, के जरिए एक जगह की पहचान की. कार एक रिहायशी इलाके में थी. वहां एक गेस्ट हाउस था. हालांकि, पुलिस ने तौसीफ के चचेरे भाई निशु खान की पहचान कर ली. तौसीफ, निशु और उसके केयरटेकर हर्ष और भीम को 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. सोमवार को उन्हें पटना ले जाया गया. मेडिकल जांच के बाद, चारों को पटना की अदालत में पेश किया गया. पटना पुलिस ने बताया- तीन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि पटना पुलिस ने मामले में आगे की पूछताछ के लिए तौसीफ को तीन दिनों के लिए रिमांड पर ले लिया.

मुठभेड़ में तीन अरेस्ट

पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मिश्रा की हत्या के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए जांच जारी है. पुलिस ने मंगलवार को बिहार के भोजपुर जिले में एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद तीन और संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो तौसीफ के साथ अस्पताल गए थे. यह मुठभेड़ बिहिया थाना क्षेत्र के कटिया रोड पर सुबह करीब 5 बजे हुई, जब बिहार एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की एक संयुक्त टीम ने तीनों की पहचान की और उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया- संदिग्धों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस मुठभेड़ में दो आरोपी, बलवंत कुमार सिंह और रविरंजन कुमार सिंह, गोली लगने से घायल हो गए. दोनों फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और उनका इलाज चल रहा है. तीसरे आरोपी अभिषेक कुमार को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया.

हत्या में संलिप्तता स्वीकारी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बलवंत और रविरंजन, तौसीफ के साथ आए शूटर थे. अभिषेक ने ही वह मोटरसाइकिल चलाई थी जिससे बलवंत और रविरंजन हत्या के बाद अस्पताल से भागे थे. पुलिस ने घटनास्थल से दो पिस्तौल, एक देसी कट्टा, दो मैगजीन और चार जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं. एक अधिकारी ने कहा- प्रारंभिक पूछताछ के दौरान गिरफ्तार व्यक्तियों ने 17 जुलाई को पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.

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