ब्रेकिंग
वन्य प्राणी मौतों पर WWF की चुप्पी और जिम्मेदारियों पर सवाल एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, मस्कट से मुंबई आ रहा था विमान पाइप-नल पहनकर बिहार विधानसभा पहुंचे RJD विधायक, क्यों किया ऐसा विरोध-प्रदर्शन? कारगिल विजय दिवस के 26 साल… वीरगाथा से ऑपरेशन सिंदूर तक भारत का नया शौर्यपथ ऑपरेशन सिंदूर पर सोमवार को लोकसभा में राजनाथ करेंगे चर्चा की शुरुआत, 16 घंटे होगी बहस हजारों मील दूर के मुद्दों की जगह अपने देश पर ध्यान दें… गाजा नरसंहार मामले पर CPI-M को बॉम्बे हाईकोर... गजब! 90000 में खरीद कर लाया दुल्हन, 2 रही दूल्हे के साथ; तीसरे दिन जेवर-कैश लेकर फरार Bihar SIR: अब तक 99.86% वोटर किए गए कवर, 7.23 करोड़ मतदाताओं ने एसआईआर में जताया भरोसा: चुनाव आयोग लालू के परिवार में ‘गृहयुद्ध’ का आगाज! तेज प्रताप ने RJD और परिवार के लोगों को X पर किया अनफॉलो नेताओं की नमाज से राजनीति के केंद्र तक..दिल्ली की संसद वाली मस्जिद का इतिहास
टेक्नोलॉजी

सोशल मीडिया यूज करने से पहले बतानी होगी उम्र! नया कानून लागू, टेक कंपनियां नाराज

अब अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे पहले अपनी उम्र बतानी होगी. ये कानून अमेरिका के मिसिसिपी राज्य में लागू हो चुका है. एक अमेरिकी संघीय अदालत ने इस नए एज वेरिफिकेशन कानून”(Age Verification Law) को मंजूरी दे दी है.

हालांकि टेक कंपनियों के मुताबिक, ये कानून लोगों की प्राइवेसी और Freedom of Expression पर हमला है. इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई अभी भी जारी है.

क्या है नया कानून?

मिसिसिपी में 2024 में पास हुए इस कानून के मुताबिक, सोशल मीडिया साइट्स को अब हर यूजर की उम्र वेरिफाई करनी होगी.

बिना एज वेरिफिकेशन के किसी भी यूजर को अकाउंट खोलने की परमिशन नहीं दी जाएगी. ये नियम सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लागू होगा.

क्यों बनाया गया ये कानून?

इस कानून के पक्ष में सरकार और माता-पिता का कहना है कि बच्चों की सेफ्टी के लिए ये जरूरी है. सोशल मीडिया के जरिए वल्गर ट्रैफिकिंग, बच्चों का यौन शोषण, अश्लीलता, ऑनलाइन बदमाशी, आत्महत्या के लिए उकसाना, जैसे मामले बढ़े हैं. कई रिसर्च में पाया गया है कि सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल यंगस्टर्स में डिप्रेशन और एंग्जायटी बढ़ा रहा है.

कोर्ट का फैसला क्या है?

पहले एक अदालत ने इस कानून को रोक दिया था. लेकिन अब 5th सर्किट यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स की तीन जजों के पैनल ने इस रोक को हटा दिया है. अब ये कानून कानूनी तरीके से लागू किया जा सकता है.

टेक कंपनियों की नाराजगी

इस कानून का टेक इंडस्ट्री में जबरदस्त विरोध हो रहा है. NetChoice नाम के संगठन ने इसके खिलाफ केस दर्ज किया है. ये संगठन Google (YouTube), Meta (Facebook और Instagram), Snap Inc. (Snapchat) जैसी बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है.

NetChoice का कहना है कि ये कानून यूजर्स की फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और प्राइवेसी पर सीधा हमला है. बच्चों के लिए क्या सही है ये सरकार नहीं, माता-पिता तय करें.

कहां-कहां और लागू हो रहे ऐसे कानून?

NetChoice पहले भी ऐसे ही कानूनों के खिलाफ मुकदमे कर चुका है. नया कानून अर्कांसस, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, ओहायो और उटाह में लागू किया जा रहा है.

मिसिसिपी का ये नया कानून एक तरफ बच्चों की ऑनलाइन सेफ्टी के लिए उठाया गया बड़ा कदम है, वहीं दूसरी ओर टेक कंपनियां इसे प्राइवेसी और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशनपर हमला मान रही हैं. अब देखना ये है कि आने वाले समय में अमेरिका के बाकी राज्यों में भी ऐसे कानून लागू होते हैं या नहीं.

Related Articles

Back to top button