सिवनी
अश्लील रील्स बनाने के आरोप में महक, हिना और परी गिरफ्तार, हर माह कमा रहीं थी ₹35,000

राष्ट्र चंडिका न्यूज़ , शहवाजपुर/अमरोहा, उत्तर प्रदेश: पैसों और प्रसिद्धि की चाहत में सोशल मीडिया पर अश्लील रील्स और वीडियो बनाकर अपलोड करने वाली महक, निशा उर्फ परी, हिना और उनके कैमरामैन आलम को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये सभी अपने इंस्टाग्राम और अन्य अकाउंट्स पर आपत्तिजनक इशारों और गंदी भाषा का इस्तेमाल कर ऐसे वीडियो बनाते थे, जिससे उनके व्यूज बढ़ें और अच्छी कमाई हो सके. हजारों की संख्या में व्यूज मिलने और कमाई बढ़ने के बाद उनके हौसले बुलंद हो गए थे, लेकिन उनकी ये हरकतें गांव वालों को नागवार गुजरीं.
आपत्तिजनक सामग्री और ग्रामीणों की शिकायत
इन लड़कियों द्वारा बनाए गए वीडियो में इस्तेमाल की गई भाषा, इशारे और भंगिमाएं इतनी आपत्तिजनक थीं कि शहवाजपुर गांव के कुछ जिम्मेदार लोगों ने इसकी शिकायत सीधे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और सीओ से कर दी. शिकायत मिलते ही असमोली थाना प्रभारी को तुरंत कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महक, निशा उर्फ परी, हिना और वीडियो शूट करने वाले आलम को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया. इन सभी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. हालांकि, वे अब जमानत पर बाहर आ चुके हैं.
निम्नवर्गीय पृष्ठभूमि और सोशल मीडिया से ‘रोजगार’
गिरफ्तार मेहरूल निशा उर्फ परी और उसकी बहन महक संभल जिले के शहबाजपुर कलां की रहने वाली हैं, जबकि हिना अमरोहा जिले के डिडौली इलाके की निवासी है. उनका परिवार निम्न वर्गीय है; निशा और महक के पिता एक परचून की दुकान चलाकर घर का गुजारा करते हैं. महक और निशा पहले घर में ही चांदी का बर्फ बनाने का काम करती थीं.
कुछ समय पहले, उन्हें पता चला कि इंस्टाग्राम पर वीडियो और रील्स बनाकर अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है. शुरुआत में उन्होंने सामान्य रील्स बनाईं, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली. उन्होंने अपने अकाउंट का नाम भी बदला, लेकिन वह तरकीब भी काम नहीं आई. इसके बाद उन्होंने ‘महक परी 143’ नाम से एक अकाउंट बनाया और गलियों में अश्लील वीडियो बनाकर अपलोड करना शुरू कर दिया. इस काम में उनके साथ हिना और भवालपुर निवासी जर्रार भी जुड़ गए, जबकि वीडियो शूट का काम आलम करता था.
पुलिस पूछताछ में इन लड़कियों ने खुलासा किया कि पहले उन्हें इंस्टाग्राम अकाउंट से 20 से 25 हजार रुपये की आमदनी होती थी, जो बाद में बढ़कर 35 हजार रुपये प्रति माह तक पहुंच गई थी. कमाई होती देख उन्होंने इसी काम को अपना “रोजगार” बना लिया था.
पुलिस की आगे की जांच
पुलिस अब इस मामले में गहनता से जांच कर रही है कि क्या इन लड़कियों के पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ था या कोई अन्य व्यक्ति इनसे इस प्रकार के वीडियो बनवाकर फायदा उठा रहा था. पुलिस ने आरोपियों के कैमरा, मोबाइल, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट को विस्तृत फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. साथ ही, इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या इन वीडियो को किसी अन्य वेबसाइट या पोर्टल पर भी अपलोड किया गया था, जहां से उन्हें पैसे मिलते थे.
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से पैसा कमाने की होड़ में नैतिक और कानूनी सीमाओं को लांघने के बढ़ते चलन पर गंभीर सवाल खड़े करती है.